कांग्रेस उन परिवारों के सहारे जो पिछला चुनाव हारे, नहीं चला एक परिवार-एक टिकट का फार्मूला

राजनीतिक घरानों में चौधरी भजन लाल के दोनों बेटों कुलदीप विश्रोई और चंद्रमोहन को टिकट मिला है। चंद्रमोहन कालका से दावेदारी कर रहे थे उन्हें पंचकुला से उतारा गया है। चौधरी बंशीलाल के परिवार से तीन उम्मीदवार मैदान में हैं। बहू किरण चौधरी, बड़ा बेटा रणवीर महेंद्रा और दामाद सोमवीर सिंह को टिकट मिला है।
पूर्व मंत्रियों में महेंद्र प्रताप के बेटे विजय प्रताप और शिवचरण शर्मा के बेटे नीरज शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है। पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह चट्टा के बेटे मनदीप सिंह चट्टा, फूलचंद मौलाना के बेटे वरुण चौधरी फिर मैदान में हैं। केवी सिंह के बेटे अमित सिहाग भी मैदान में हैं हालांकि अमित युवा कांग्रेस से जुड़े रहे हैं।
कांग्रेस टिकट बंटवारे में लालू प्रसाद यादव और शरद यादव को भी खुश किया है। कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव लालू यादव के दामाद हैं। बताते हैं कि कमलवीर यादव का टिकट शरद यादव के कहने पर दिया गया है। इनेलो से आए नेताओं में अशोक अरोड़ा, प्रदीप चौधरी और सुभाष देशवाल को भी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर की नाराजगी और दबाव का कारण साफ है। उनके दो समर्थक ही टिकट पा सके हैं। जबकि तंवर ने कांग्रेस अध्यक्ष को राज्य भर के 84 उम्मीदवारों की सूची भेजी थी। उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपने भेजे गए नामों को जमीनी नेता बताया था।
प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा भी अपने तमाम समर्थकों को टिकट नहीं दिला पाई हैं। हालांकि उनके खेमे के करीब एक दर्जन नामों को प्रमुखता दी गई। किरण चौधरी, कुलदीप विश्रोई, रणदीप सुरजेवाला भी अपने टिकट के अलावा एक-दुक्का नाम ही उम्मीदवारी में बदलवा सके हैं।