महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : शिवसेना ने तय किए लक्ष्य, 100 सीटें और आदित्य डिप्टी सीएम

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे में भाजपा के मुकाबले कम सीटें मिलने पर भी शिवसेना निराश नहीं है। सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने वरिष्ठ नेताओं से बातचीत करके विजय की रणनीति पर काम शुरू कर दिया हैं। उनका लक्ष्य 100 सीटें जीतना है ताकि नतीजों के बाद भाजपा पर आदित्य ठाकरे को उप-मुख्यमंत्री पद देने के लिए दबाव बनाया जा सके। भाजपा के 164 और शिवसेना के 124 सीटों पर लड़ने के निर्णय के बाद से पार्टी में खलबली मची है। उद्धव कार्यकर्ताओं को जीत का गणित समझा रहे हैं, लेकिन असंतुष्टों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार नामांकन का आखिरी दिन है और जिन्हें टिकट नहीं मिला वे या तो निर्दलीय खड़े हो सकते हैं या प्रचार से खुद को अलग कर सकते हैं।
भाजपा ने शिवसेना को मुंबई-ठाणे में उलझाया
सीट बंटवारे में भाजपा ने चालाकी से महानगर मुंबई-ठाणे में बड़ा हिस्सा शिवसेना को देकर महानगर में ही उलझा दिया है। जबकि नवी मुंबई, नागपुर, पुणे और नासिक जैसे विकास की दौड़ में शामिल शहरों की चाबी खुद रख ली है।
मुंबई और उसके आसपास के इलाकों के बाद राज्य में सबसे अहम इन चारों शहरों की 20 सीटों में एक भी शिवसेना को नहीं मिली है, जबकि मुंबई में 36 में से 19 पर शिवसेना लड़ेगी। भाजपा 17 पर। ठाणे में भी शिवसेना चार में से तीन जगह पर उम्मीदवार उतारेगी और भाजपा एक पर। भाजपा ने शिवसेना को स्पष्ट कर दिया कि वह न तो मुख्यमंत्री पद शेयर करेगी और न उप-मुख्यमंत्री बनाएगी।
उद्धव की रणनीति
वहीं, उद्धव की रणनीति है कि 124 सीटों में ज्यादा से ज्यादा जीतकर संख्या 100 के पार पहुंचाई जाए। ऐसा हुआ तो न केवल उप-मुख्यमंत्री की बात जा सकेगी बल्कि मुख्यमंत्री पद का भी दावा किया जा सकेगा। शिवसेना उन्हें महाराष्ट्र के भावी मुख्यमंत्री के रूप में देख रही है।
जानकारों के अनुसार शिवसेना के लिए 124 में से 100 सीटें जीतना आसान नहीं होगा। कांग्रेस-एनसीपी के कमजोर होने के बावजूद उनसे टक्कर मिलेगी। फिर भाजपा भी नहीं चाहेगी कि उसके हाथ आई बड़े भाई की भूमिका फिसल जाए। 2014 के चुनाव में सभी पार्टियां अकेले लड़ी थीं। भाजपा 122 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। शिवसेना केवल 63 पर ही सिमट गई थी।