आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर जैव विविधता केंद्रों को विकसित करे वन विभाग : योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें प्रदेश में अधिकाधिक आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर जैव विविधता केंद्र विकसित करने चाहिए। इससे जहां पशु-पक्षियों को संरक्षण मिलेगा, वहीं रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। उन्होंने वन, पर्यटन और संस्कृति विभागों को बेहतर समन्वय के साथ काम करने की सलाह भी दी। ये विचार योगी ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में वन्य प्राणी सप्ताह के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में रखे। इस अवसर पर उन्होंने वन्यजीव संरक्षण जागरूकता मोबाइल एप का शुभारंभ किया। वन्य जीव सप्ताह के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित भी किया।
उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय परंपरा में सदैव ही जैव विविधता के संरक्षण पर भी बल दिया है। सनातन धर्म की 9 अवतारों की परंपरा को अगर देखें तो इन अवतारों की परंपरा में प्रथम अवतार मत्स्य का है। द्वितीय अवतार कछुआ, तृतीय अवतार वाराह और चौथा नरसिंह का अवतार है।
उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय परंपरा में सदैव ही जैव विविधता के संरक्षण पर भी बल दिया है। सनातन धर्म की 9 अवतारों की परंपरा को अगर देखें तो इन अवतारों की परंपरा में प्रथम अवतार मत्स्य का है। द्वितीय अवतार कछुआ, तृतीय अवतार वाराह और चौथा नरसिंह का अवतार है।
योगी ने कहा कि जब भी इंसान ने प्रकृति के नियमों से छेड़छाड़ की, इसके व्यापक दुष्परिणाम उसे भुगतने पड़े हैं। विगत ढाई वर्ष के दौरान वन एवं वन्य विभाग ने पहले साल में 6 करोड़, अगले वर्ष 11 करोड़ और तीसरे वर्ष में 22 करोड़ 59 लाख पौधरोपण करके अपनी छवि को सुधारा है। पहले लोग मानते थे कि वन विभाग का काम वनों की रक्षा करना कम, उसे नुकसान पहुंचाना ज्यादा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर प्राणी एक-दूसरे पर निर्भर है। संपूर्ण सृष्टि में सबसे खतरनाक प्राणि मनुष्य है, जो सबको नुकसान पहुंचाता है। जंगली जानवर आपको तब तक नुकसान नहीं पहुंचाता, जब तक उसको आप से खतरा महसूस ना हो। ऋषि परंपरा के आश्रमों में बाघ, शेर, गाय और अन्य जीव एक साथ रहते थे।
सीएम ने कहा कि जब वर्ष 2017 में हमने सत्ता संभाली थी, तब पीलीभीत में बाघों ने 24-25 लोगों को मारा था, लेकिन जनजागरूकता का अभियान चलाए जाने के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष में काफी कमी आई है। सीएम ने कहा कि जैव विविधता केंद्र स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद भी लेनी चाहिए। इस अवसर पर सीएम ने वन्यजीव रेस्क्यु वैन का भी शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर प्राणी एक-दूसरे पर निर्भर है। संपूर्ण सृष्टि में सबसे खतरनाक प्राणि मनुष्य है, जो सबको नुकसान पहुंचाता है। जंगली जानवर आपको तब तक नुकसान नहीं पहुंचाता, जब तक उसको आप से खतरा महसूस ना हो। ऋषि परंपरा के आश्रमों में बाघ, शेर, गाय और अन्य जीव एक साथ रहते थे।
सीएम ने कहा कि जब वर्ष 2017 में हमने सत्ता संभाली थी, तब पीलीभीत में बाघों ने 24-25 लोगों को मारा था, लेकिन जनजागरूकता का अभियान चलाए जाने के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष में काफी कमी आई है। सीएम ने कहा कि जैव विविधता केंद्र स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद भी लेनी चाहिए। इस अवसर पर सीएम ने वन्यजीव रेस्क्यु वैन का भी शुभारंभ किया।
खीरी में हवाई पट्टी शुरू होने पर कई गुना बढ़ेंगे पर्यटक
वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि पहले राजनीतिक संरक्षण में शिकारी वन्य जीवों का शिकार करते थे। हमारी सरकार में बड़े शिकारियों को पकड़कर ये संदेश दिया गया कि अब कोई शिकारी हमारे वन्य जीवों पर हमला नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि खीरी में हवाई पट्टी शुरू होने पर दुधवा नेशनल पार्क में पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी हो जाएगी।
उन्होंने लखनऊ से दुधवा नेशनल पार्क को जोड़ने के लिए सरकार की ओर से ढाई सौ करोड़ रुपये दिए जाने पर आभार जताया। कार्यक्रम में वन मंत्री ने गुजरात से यूपी लाए गए 7 शेरों के बाबत सीएम को प्रमाणपत्र भी भेंट किया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव सुनील पांडेय ने हाथियों के लिए चलाए गए रेस्क्यु ऑपरेशन की विस्तार से जानकारी दी। आभार वन राज्यमंत्री अनिल शर्मा ने व्यक्त किया। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन और राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख भी मौजूद रहे।
उन्होंने लखनऊ से दुधवा नेशनल पार्क को जोड़ने के लिए सरकार की ओर से ढाई सौ करोड़ रुपये दिए जाने पर आभार जताया। कार्यक्रम में वन मंत्री ने गुजरात से यूपी लाए गए 7 शेरों के बाबत सीएम को प्रमाणपत्र भी भेंट किया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव सुनील पांडेय ने हाथियों के लिए चलाए गए रेस्क्यु ऑपरेशन की विस्तार से जानकारी दी। आभार वन राज्यमंत्री अनिल शर्मा ने व्यक्त किया। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन और राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख भी मौजूद रहे।