मौज मस्ती के लिए दो नाबालिग लड़कियों को अपहरण का ड्रामा रचना पड़ा भारी, पढ़ें पूरा मामला

प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : bharat rajneeti
मौज मस्ती के लिए अपहरण का ड्रामा स्वयं रचना दो नाबालिग लड़कियों को उस वक्त भारी पड़ गया, जब पुलिस की साइबर टीम आधी रात को ही तलाश करते-करते उनके पास पहुंची। इसके बाद पुलिस ने नाबालिग को पकड़ा और उनसे पूछताछ की। पूछताछ करने पर लड़कियों ने बताया कि उनका कोई अपहरण नहीं हुआ था। बताया जा रहा है कि दशहरा में वे कलाकेंद्र में कार्यक्रम देखने आई थी। घर से बाहर रहने के लिए उन्होंने यह नाटक स्वयं रचा था। बाद में लड़कियों ने परिजनों से माफी मांगी। इसके बाद ही पुलिस ने उन्हें जाने दिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दो नाबालिग लड़कियां दशहरा में घूमने आई थी। रात 9.30 बजे दोनों लड़कियों ने तय किया कि वे दोनों बाहर एक साथ रात बिताएंगी। दोनों ने सर्किट हाउस के पास एक कमरा भी बुक किया। लड़कियों को पता था कि उनके परिजन उन्हें बाहर रहने के लिए अनुमति नहीं देंगे। ऐसे में उन्होंने एक ड्रामा रचा कि उनका किसी ने अपहरण किया है।
पुलिस ने दोनों को ऐसे पकड़ा
लड़कियों के अपहरण की सूचना मिलते ही परिजनों ने सदर पुलिस थाना की टीम से संपर्क किया। पुलिस की साइबर टीम लड़कियों की तलाश में जुट गई। पुलिस ने कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को चेक किया।
दोनों नाबालिग के मोबाइल रिकॉर्ड को भी देखा गया। इसके आधार पर पुलिस की टीम रात 2:30 बजे गांधीनगर पहुंची। यहां पर यह दोनों लड़कियां अपने कमरे से निकलकर घूम रही थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ा। पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने मामले की पुष्टि की।
उन्होंने कहा कि परिजनों की ओर से दो नाबालिग के अपहरण की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए साइबर टीम ने आधी रात को ही दोनों को ढूंढ निकाला है। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए अपने परिजनों को आश्वस्त किया है कि वे इस प्रकार की गलती दूसरी बार नहीं करेंगी।
दोनों नाबालिग के मोबाइल रिकॉर्ड को भी देखा गया। इसके आधार पर पुलिस की टीम रात 2:30 बजे गांधीनगर पहुंची। यहां पर यह दोनों लड़कियां अपने कमरे से निकलकर घूम रही थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ा। पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने मामले की पुष्टि की।
उन्होंने कहा कि परिजनों की ओर से दो नाबालिग के अपहरण की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए साइबर टीम ने आधी रात को ही दोनों को ढूंढ निकाला है। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए अपने परिजनों को आश्वस्त किया है कि वे इस प्रकार की गलती दूसरी बार नहीं करेंगी।