केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री और बक्सर से भाजपा सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने एक बार फिर अपना आपा खो दिया है। ताजा मामला बक्सर के सर्किट हाउस का है जहां मंत्री ठहरे थे। यहां एक सदर अस्पताल है। जिसकी सुविधाओं को बहाल करने का केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया था। उन्हें उनका यही वादा याद दिलाने के लिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और दिव्यांग पहुंचे थे।
चौबे ने बक्सर के सदर अस्पताल में डिजिटल एक्सरे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा को बहाल करने का वादा किया था। इसके लिए महीनों से मशीनें लाकर रखी गई हैं लेकिन अभी तक उन्हें इस्तेमाल में नहीं लाया गया है। जब सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें यह वादा याद दिलाया तो वह भड़क गए और अपना आपा खो दिया। उन्होंने उनके हाथों से बैनर छीनकर फाड़ दिया और उन्हें भाग जाने को कह दिया।
स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा, 'पिछले 10 महीनों से अल्ट्रासाउंड मशीन जिला अस्पताल में मंत्री के आश्वासन के बावजूद निष्क्रिय पड़ी है। हम यहां विरोध करने के लिए पहुंचे थे। मंत्री गुस्सा हो गए और उन्होंने हमें धक्का देना शुरू कर दिया।' कार्यकर्ताओं और दिव्यांगो ने मंत्री पर अपना अपमान करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि इससे पहले केद्रीय मंत्री ने 24 सितंबर को जनता दरबार में एक थानेदार को वर्दी उतरवाने की धमकी दी थी। एक बुजुर्ग ने मंत्री से थानेदार की शिकायत की तो उन्होंने भरी सभा में सबके सामने थानेदार को बुलाकर उसकी वर्दी उतरवाने की धमकी दी थी। आरोप है कि थानेदार ने बुजुर्ग को गुंडा एक्ट में फंसाने की धमकी दे रहा था।
केंद्रीय मंत्री जब थानेदार को खरी-खोटी सुना रहे थे उस दौरान वहां मौजूद लोग तालिया बजा रहे थे। जिसपर मंत्री ने नाराज होकर कहा था कि तालियां मत बजाइये। वहीं थानेदार चुपचाप उनकी फटकार सुन रहे थे। इससे पहले चौबे ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान बक्सर के एसडीएम के साथ बदतमीजी की थी। एसडीएम राजेश उपाध्याय का चुनाव आयग के आदेशानुसार काम करना मंत्री पसंद नहीं आया और वह उनसे उलझ गए थे।