- कर्नाटक की सियासत में फिर ट्विस्ट
- मजबूत मंत्रालय मांग रहे नए विधायक
- येदियुरप्पा मीटिंग के बाद पहुंचेंगे दिल्ली
5 दिसंबर को हुए कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को आए थे और बीजेपी ने 15 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इन सीटों पर जीतने वाले नेता वो हैं, जो कांग्रेस या जेडीएस से बागी होकर बीजेपी के पाले में आए थे. येदियुरप्पा की सरकार बने रहने के लिए 7 विधायकों की जरूरत थी, लिहाजा इन नतीजों ने येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को मजबूती दी. यही वजह रही कि रिजल्ट आते ही येदियुरप्पा ने जीतने वाले विधायकों को मंत्री बनाने का ऐलान कर दिया.
रिजल्ट आने के बाद ही येदियुरप्पा ने कहा कि जीतने वाले 12 विधायकों में से 11 को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा. हालांकि, नवनिर्वाचित विधायक येदियुरप्पा के इस ऑफर से खुश नजर नहीं आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, विधायक डिमांड कर रहे हैं कि उन्हें गृह, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई और ऊर्जा जैसे मंजबूत मंत्रालय दिए जाएं.
क्यों मांग रहे हैं मजबूत मंत्रालय?
नवनिर्वाचित विधायकों ने अपनी इस डिमांड के पीछे कारण भी बताया है. सूत्रों के मुताबिक, इन विधायकों का मानना है कि येदियुरप्पा सरकार उनके दम पर चल रही है, ऐसे में उन्हें मजबूत मंत्रालय दिए जाने चाहिएं. इतना ही नहीं, जो तीन नेता चुनाव हार गए हैं उनकी भी अनदेखी नहीं करने की डिमांड विधायकों की तरफ से की जा रही है. बता दें कि उपचुनाव में MTB नागराज, विश्वनाथ और रोशन बेग हार गए थे.दिल्ली पहुंचेंगे येदियुरप्पा
सीएम येदियुरप्पा और नवनिर्वाचित विधायकों के बीच आज बेंगलुरु में अहम मीटिंग हैं. बताया जा रहा है कि इसके बाद येदियुरप्पा गुरुवार को दिल्ली पहुंचेंगे और हाईकमान से विधायकों की डिमांड के संबंध में चर्चा करेंगे. बताया जा रहा है कि विधायक अपनी डिमांड से डिगने को राजी नहीं है, ऐसे में स्थाई सरकार चलाने के लिए येदियुरप्पा के सामने एक बार फिर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.बता दें कि मई, 2018 में कर्नाटक में चुनाव हुए थे और बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं, लेकिन उसे बहुमत नहीं मिल पाया था. इसके बाद कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देकर सरकार बना ली थी और एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि, ये सरकार ज्यादा नहीं चल पाई थी और कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायक बागी हो गए थे, जिनमें 16 बीजेपी के पाले में आ गए थे, जिससे कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी और येदियुरप्पा सीएम बन गए थे. हालांकि, इन बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी.
फिलहाल, मामला मंत्रालयों के बंटवारे पर मामला अटक गया है. ऐसे में अब येदियुरप्पा नवनिर्वाचित विधायकों की डिमांड पूरी करने के लिए क्या रास्ता अपनाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा.