
ममता सरकार द्वारा विधानसभा की कार्यवाही अचानक स्थगित किए जाने के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ गुरुवार को विधानसभा पहुंचे। राज्यपाल जब यहां पहुंचे तो सचिवालय का फाटक नंबर एक बंद था, जिसको लेकर राज्यपाल थोड़ी देर के लिए असहज नजर आए। राज्यपाल ने पूछा कि फाटक बंद क्यों है? विधानसभा स्थगित होने का मतलब सदन बंद होना नहीं है।
हालांकि कुछ देर बाद राज्यपाल दूसरे गेट से विधानसभा के अंदर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जब मैं यहां आया था तो राज्यपाल और अन्य वीवीआइपी लोगों के लिए गेट बंद था, लेकिन मैं दूसरे गेट के माध्यम से अंदर गया जो खुला हुआ था। विधानसभा सचिवालय पूरे साल खोला जाता है, विधानसभा सत्र में नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि सचिवालय बंद है।
राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि मेरा उद्देश्य इस ऐतिहासिक इमारत को देखना, पुस्तकालय का दौरा करना है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं यहां यह देखने के लिए हूं कि संविधान का सम्मान किया जाए।
गौरतलब है कि ममता सरकार द्वारा विधानसभा की कार्यवाही अचानक स्थगित होने का आरोप राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर लगाए जाने के बाद उन्होंने कहा था कि न तो वह 'रबड़ स्टांप हैं और न ही पोस्ट ऑफिस' हैं।
सत्तारूढ़ पार्टी और राज्यपाल के बीच गतिरोध उस समय और भी निचले स्तर पर पहुंच गया जब विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने मंगलवार को सदन को दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया क्योंकि विधानसभा में जो विधेयक पेश होने थे, उसे अब तक राज्यपाल से मंजूरी नहीं मिली थी जो अनिवार्य था।