
एक अन्य अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने भी इसी तरह की याचिका दायर की है। शर्मा की याचिका में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों की निगरानी में विशेष जांच दल की जांच की होनी चाहिए। याचिका में मणि और वकील प्रदीप कुमार यादव ने दावा किया है कि यह मुठभेड़ फर्जी थी और इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।
तेलंगाना सरकार ने भी गठित की एसआईटी
उधर तेलंगाना सरकार ने एनकाउंटर की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। एसआईटी का नेतृत्व राचकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत करेंगे। बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता दिशा के चार आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद से ही एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे थे।वहीं आज साइबराबाद पुलिस के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाई गई है जिसमें कहा गया है कि हैदराबाद एनकाउंटर फर्जी था।
बता दें कि शुक्रवार सुबह हैदराबाद के एनएच 44 पर पुलिस ने जांच के दौरान क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए आरोपी को अपराध स्थल पर लाया। यहां पर आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लिए और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी।
पुलिस ने उन्हें चेतावनी देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वे गोलियां चलाते रहे। फिर पुलिस ने गोलाबारी की और चारों मुठभेड़ में मारे गए। मुठभेड़ के दौरान पुलिस के दो जवान घायल हो गए। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।