- महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर संकट
- उद्धव सरकार ने दिया रिव्यू करने का आदेश
- फंडिंग में है राज्य सरकार का हिस्सा
बता दें कि अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की नींव रखी जा चुकी है लेकिन महाराष्ट्र के कई गावों के किसानों ने इसका विरोध किया था और ज़मीन देने से इनकार कर दिया था. अब नई सरकार किसानों के लिए इस प्रोजेक्ट को दोबारा जांचना चाहती है.
उद्धव ठाकरे का कहना है, ‘हमारी सरकार आम आदमी की सरकार है, अगर आपने पूछा है तो हां, हम लोग बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का रिव्यू करेंगे. लेकिन क्या मैंने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को अभी रोकने के लिए कह दिया तो ऐसा नहीं है.’
गौरतलब है कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की फंडिंग में राज्य सरकारों को भी हिस्सा देना है, इसमें महाराष्ट्र का 25 फीसदी हिस्सा है. कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की इस सरकार का दावा है कि वह जल्द ही महाराष्ट्र की आर्थिक हालत पर व्हाइट पेपर लाएगी, क्योंकि राज्य सरकार पर करीब 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है.
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे के शपथ लेने से पहले भी ऐसी खबरें आई थीं कि महाराष्ट्र सरकार बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की फंडिंग रोक सकती है, हालांकि अभी तक ऐसी बात सामने नहीं आई है.
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है, इसकी नींव पीएम मोदी और जापानी पीएम शिंजो आने ने रखी थी. भारत की पहली बुलेट ट्रेन जापान की सहायता से ही बनाई जा रही है. महाराष्ट्र, गुजरात के कुछ गांवों में किसानों ने जमीन को लेकर इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया था.