
झारखंड की जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराने वाले सरयू राय ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा के बागी नेता का कहना है कि सचिवालय में मौजूद कई अहम कागजों को चोरी-छुपे जलाया जा रहा है। इस संबंध में सरयू राय ने मुख्य सचिव डीके तिवारी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्हें आगाह करते हुए लिखा है कि नई सरकार बनने से पहले भवन निर्माण, पथ निर्माण और ऊर्जा विभाग की महत्वपूर्ण फाइलों को गुपचुप तरीके से जलाया जा रहा है। अधिकारी कुछ फाइलों को अपने घर भी ले गए हैं। इसपर तत्काल प्रभाव से रोक लगनी चाहिए।
पत्र में सरयू राय ने क्या लिखा
पत्र में सरयू राय ने लिखा है कि एक से ज्यादा विश्वसनीय एवं उच्चस्तरीय सूत्रों के जरिए जानकारी मिली है कि पुलिस विभाग की विशेष ब्रांच एवं सीआईडी प्रभागों में महत्वपूर्ण सूचनाओं से संबंधित फाइलों को छांटकर नष्ट करने का कार्य किया जा रहा है। गृह विभाग के अंतर्गत आने वाले इन प्रभागों में संग्रहित अनौपचारिक सूचनाएं और जांच प्रतिवेदन शामिल हैं। इसी तरह भवन निर्माण विभाग, पथ निर्माण विभाग और ऊर्जा विभाग में भी महत्व की सूचनाओं से संबंधित फाइलों को नष्ट किया जा रहा है।
स्पेशल ब्रांच और सीआईडी की भा फाइलें की जा रही हैं नष्ट
सरयू राय की शिकायत पर मुख्य सचिव का कहना है कि उन्होंने गृह विभाग सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी देने को कहा गया है। उन्होंने पथ निर्माण सचिव से बात की है। जिसमें उन्हें ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला है। उन्होंने कहा 20 दिसंबर के बाद मुख्यमंत्री को कोई फाइल नहीं भेजी गई है। गृह विभाग से निर्देश मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय के डीजी पीआरके नायडू राजा-रानी कोठी स्थित रेल एडीजी प्रशांत सिंह के कार्यालय पहुंचे और सीआइडी के एडीजी अनुराग गुप्ता के कार्यालय गए। नायडू ने गृह विभाग को बताया कि वहां उन्हें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा। उन्हें वहां कोई फाइल भी जली हुई नहीं दिखाई दी।
सरयू राय के आरोपों की हो उच्चस्तरीय जांच
मुख्य सचिव डीके तिवारी से भाजपा ने सरयू राय के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का कहना है कि राय ने आरोप लगाया है कि सीआईडी, स्पेशल ब्रांच, भवन निर्माण, ऊर्जा आदि विभागों की महत्वपूर्ण फाइलें नष्ट की जा रही हैं। यह आरोप गंभीर हैं। जांच में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जाए।