इससे पहले उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए बृहस्पतिवार को कांग्रेस चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हुई। इसमें दिल्ली इकाई से भेजे गए नामों पर चर्चा हुई। उम्मीदवारों की खामियों और खूबियों का आकलन कर समिति ने ज्यादातर नामों पर सहमति दे दी है। वरिष्ठ नेताओं के चुनाव लड़ने का फैसला लेने की जिम्मेदारी आलाकमान पर डालते हुए चोपड़ा ने खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया।
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष का बयान आने के बाद बृहस्पतिवार देर शाम एक लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर नाम वायरल लिस्ट से मेल खाते हैं।
इसमें पूर्व सांसद कृष्णा तीरथ का नाम पटेल नगर, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री एके वालिया का नाम कृष्णा नगर, यमुनापार बोर्ड के पूर्व चेयरमैन व पूर्व विधायक नरेंद्र नाथ का नाम शाहदरा, पूर्व विधायक वीर सिंह धींगान सीमापुरी, पूर्व विधायक अलका लांबा को चांदनी चौक, पूर्व पार्षद गुरु चरण सिंह राजू विश्वास नगर समेत दूसरी कई सीटों के उम्मीदवारों के नाम हैं। वहीं, दो-दो सीटें एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के खाते में गई हैं। हालांकि, देर रात तक कांग्रेस ने इस लिस्ट की अधिकारिक पुष्टि नहीं की।
चुनाव आते ही याद आए विकास कार्य : शौकीन
कांग्रेस के पूर्व विधायक सुमेश शौकीन ने आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि चुनाव आते ही इनके नेताओं को अब विकास कार्य याद आने लगे हैं। बृहस्पतिवार को पार्टी कार्यालय में उन्होंने कहा कि मटियाला विधानसभा में वर्तमान विधायक ने जनता के विकास के लिए कुछ नहीं किया।उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अब जब चुनाव नजदीक हैं तो वहां सड़कों पर काम किया जा रहा है, जबकि उस इलाके में स्थित जैन कॉलोनी से नन्हें पार्क तक सड़कों की स्थिति काफी खराब है। आप पार्टी के नेताओं की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस पार्टी में सब कुछ केंद्र से ही चलता है। दिल्ली के नेताओं का कोई अस्तित्व ही नहीं है।