![सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, 'हम सबरीमाला मामले की पुनर्विचार याचिकाएं नहीं सुन रहे हैं। हम पहले पांच सदस्यीय संविधान पीठ द्वारा संदर्भित मुद्दों पर विचार कर रहे हैं।' शीर्ष अदालत ने 14 नवंबर को सबरीमाला मंदिर और मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश सहित विभिन्न धार्मिक मुद्दों पर बड़ी पीठ द्वारा दोबारा सुनवाई करने के लिए कहा था। पांच जजों की पीठ जहां सर्वसम्मति से धार्मिक ममालों को बड़ी पीठ के पास भजने के लिए तैयार हो गई थी। वहीं अदालत के सितंबर 2018 में दिए फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं पर पहले पांच सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही थी। इसे बड़ी पीठ के पास भेजने के लिए 3-2 का फैसला हुआ था। अदालत ने 2018 में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला में प्रवेश करने की अनुमति दे दी थी। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, 'हम सबरीमाला मामले की पुनर्विचार याचिकाएं नहीं सुन रहे हैं। हम पहले पांच सदस्यीय संविधान पीठ द्वारा संदर्भित मुद्दों पर विचार कर रहे हैं।' शीर्ष अदालत ने 14 नवंबर को सबरीमाला मंदिर और मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश सहित विभिन्न धार्मिक मुद्दों पर बड़ी पीठ द्वारा दोबारा सुनवाई करने के लिए कहा था। पांच जजों की पीठ जहां सर्वसम्मति से धार्मिक ममालों को बड़ी पीठ के पास भजने के लिए तैयार हो गई थी। वहीं अदालत के सितंबर 2018 में दिए फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं पर पहले पांच सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही थी। इसे बड़ी पीठ के पास भेजने के लिए 3-2 का फैसला हुआ था। अदालत ने 2018 में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला में प्रवेश करने की अनुमति दे दी थी।](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2019/07/29/750x506/supreme-court_1564408920.jpeg)
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केरल के सबरीमाला
पांच जजों की पीठ जहां सर्वसम्मति से धार्मिक ममालों को बड़ी पीठ के पास भजने के लिए तैयार हो गई थी। वहीं अदालत के सितंबर 2018 में दिए फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं पर पहले पांच सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही थी। इसे बड़ी पीठ के पास भेजने के लिए 3-2 का फैसला हुआ था। अदालत ने 2018 में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला में प्रवेश करने की अनुमति दे दी थी।