जम्मू-कश्मीर पर बैठक: जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत पर संभलकर फैसला लेंगे पीएम मोदी - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शुक्रवार, 25 जून 2021

जम्मू-कश्मीर पर बैठक: जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत पर संभलकर फैसला लेंगे पीएम मोदी

  • बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी लोगों को ध्यान से सुना
  • पहले राज्य का परिसीमन जरूरी है, गतिरोध दूर करने का प्रयास
  • प्रधानमंत्री मोदी इस दिशा में फूंक-फूंककर कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं
  • पीएम ने कहा कि वह दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी दोनों खत्म करना चाहते हैं
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जम्मू-कश्मीर में स्वस्थ लोकतंत्र की बहाली और शांति की स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। राज्य से 2019 में अनुच्छेद 370 और 35ए की समाप्ति तथा इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभक्त करने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक करीब 3 घंटा 45 मिनट चली। प्रधानमंत्री ने अपनी बात रखी और सभी को बहुत धैर्यपूर्वक सुना। अब अगला कदम राज्य में परिसीमन की दिशा में तैयारी का होगा। प्रधानमंत्री मोदी इस दिशा में फूंक-फूंककर कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बैठक में खुद भी कहा कि वह दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी दोनों खत्म करना चाहते हैं।

राज्य में विधानसभा चुनाव और लोकतंत्र की बहाली की दिशा में सबसे बड़ी बाधा अभी राज्य का परिसीमन है। परिसीमन के बाद ही राज्य में विधान सभा चुनाव की रूपरेखा बनने की संभावना है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी राज्य में परिसीमन को बहुत महत्वपूर्ण मान रहे हैं। यह प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अमित शाह के इस बयान को जम्मू-कश्मीर में अनुकूल माहौल तैयार करने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

शांति, सद्भाव और लोकतंत्र की गरिमा के अनुरुप संपन्न हुई बैठक

जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किए जाने के बाद प्रधानमंत्री की पहल पर यह पहली बैठक थी। सबसे दिलचस्प पक्ष है कि बैठक के दौरान अनुच्छेद 370 और 35ए पर न तो जम्मी-कश्मीर के नेताओं ने चर्चा की और न ही यह मुद्दा उठा। विवादित विषय से सभी ने दूरी बनाई। बैठक में सभी सकारात्मक दृष्टिकोण से शरीक हुए। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पांच मुख्य मुद्दे उठाए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, यथाशीघ्र लोकतंत्र की बहाली और विधानसभा चुनाव कराने,कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को सुनिश्चित करने, राजनीतिक बंदियों की रिहाई तथा प्रवासन नीति में बदलाव की मांग की। जम्मू-कश्मीर के नेता अल्ताफ बुखारी ने कहा कि सरकार के रोडमैप से साफ है कि पहले परिसीमन होगा और इसके बाद चुनाव होंगे। सज्जाद लोन ने बैठक को सद्भावपूर्ण, उम्मीदों से भरा बताया। फारुक अब्दुल्ला ने भी अपनी बात रखी और केंद्र सरकार को राज्य में लोकतंत्र की बहाली और पूर्ण राज्य का दर्जा देने के संदर्भ में सुझाव दिए।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की तारीफ भी हुई

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री मोदी की गुडबुक वाले नेता हैं। राजनीति की बारीकियों को समझने वाले मनोज सिन्हा के जम्मू-कश्मीर में कामकाज को लेकर सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनका उत्साह बढ़ाया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमित शाह भी मनोज सिन्हा के कामकाज से संतुष्ट बताए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, उप-राज्यपाल सिन्हा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, फारुख अब्दुल्ला, उमर फारुख, महबूबा मुफ्ती, भाजपा के नेता कवीन्द्र गुप्ता, रवीन्द्र रैना समेत 14 नेता शामिल थे।

जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत ही जम्मू-कश्मीर की समस्या का हल

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जम्मू-कश्मीर की समस्या का समाधान जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत की तर्ज पर करने का नारा दिया था। प्रधानमंत्री मोदी भी इसी की बहाली के जरिए राज्य में शांति और सौहार्द की बहाली चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस बैठक को पहले बुलाना चाहते थे, लेकिन कोविड-19 की महामारी के कारण इसमें विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि वह खुद दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी खत्म करना चाहते हैं। बैठक में गृहमंत्री का केंद्रशासित राज्य को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की प्रतिबद्धता दोहराना भी केंद्र सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है।

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