After the Supreme Court's ultimatum मणिपुरी एक्टिविस्ट की रिहाई, कोरोना-गौमूत्र को लेकर किया था FB पोस्ट, एनएसए के तहत हुई थी गिरफ्तारी - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

मंगलवार, 20 जुलाई 2021

After the Supreme Court's ultimatum मणिपुरी एक्टिविस्ट की रिहाई, कोरोना-गौमूत्र को लेकर किया था FB पोस्ट, एनएसए के तहत हुई थी गिरफ्तारी


सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सोमवार को मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता एरेंड्रो लीचोम्बम को रिहा कर दिया गया। उन्हें फेसबुक पोस्ट पर रासुका के तहत हिरासत में लिया गया था। पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि गोबर या गोमूत्र से कोविड का इलाज नहीं होगा। इरेंद्रो के पिता की ओर से जमानत याचिका दाखिल करने वाले वकील शादान फरासत ने कहा,‘ उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए उसे शाम चार बजकर 45 मिनट पर रिहा कर दिया गया।’

याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने उन्हें सोमवार शाम 5 बजे से पहले 1000 रुपये के बांड के निष्पादन पर रिहा करने का आदेश दिया था। एरेंड्रो के पिता एल रघुमणि सिंह ने यह याचिका दाखिल की थी, जिन्होंने तर्क दिया था कि यह एनएसए का मामला नहीं था, जिसे केवल एरेंड्रो को दी गई जमानत पर बाहर न आने के लिए लागू किया गया था और ये द्वेष से ग्रस्त है। एरेंड्रो को शुरू में 13 मई को फेसबुक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था, जहां उन्होंने कहा था कि कोरोना का इलाज गोबर और गोमूत्र नहीं है, इलाज विज्ञान और सामान्य ज्ञान है प्रोफेसर जी! आरआईपी !।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने दिन में कहा था कि उनको हिरासत में रखने से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा। पीठ ने याचिकाकर्ता को रिहा करने के निर्देश दिए थे। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि मणिपुर सरकार को इस अदालत के आदेश का अनुपालन शाम पांच बजे तक या उससे पहले करना होगा।

मणिपुर के जेल अधिकारियों को तुरंत सूचित करने का निर्देश दिया था

शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि मणिपुर के जेल अधिकारियों को इस आदेश के बारे में तुरंत सूचित किया जाए ताकि सोमवार शाम पांच बजे तक कार्यकर्ता को रिहा किया जा सके। सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि वह याचिका का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन जवाब दाखिल करेंगे। इसके बाद पीठ ने याचिका को मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

इंफाल ईस्ट जिले के साजिवा केन्द्रीय कारगार से रिहा किया गया

मणिपुर साजिवा केन्द्रीय कारागार (एमसीजेएस) के जेल अधीक्षक (एसपी) सोखोलाल तोउथांग ने बताया कि राज्य के गृह विभाग ने जेल महानिदेशक को उनकी रिहाई का आदेश दिया और इसके बाद जेल अधिकारियों ने शाम पांच बजे से पहले लिचोमबाम इरेंद्रो को रिहा कर दिया। जेल से बाहर आने पर कार्यकर्ता ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की कार्रवाई नागरिकों का मुंह बंद करने के लिए सत्ता के दुरुपयोग के समान है। उन्होंने कहा,‘वे शायद इस बात से अनजान हैं कि बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारत के संविधान में निहित एक मौलिक अधिकार है। राज्य के चुनावों में मणिपुर की जनता उन्हें करारा जवाब देगी।’

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345