दिलीप कुमार की कब्र पर पहुंचकर क्या सोच रहे थे अमिताभ बच्चन, पहली मुलाकात से लेकर ऑटोग्राफ तक का बताया किस्सा
दिलीप कुमार के निधन से दुनियाभर में मौजूद उनके फैंस सदमे में हैं। 7 जुलाई को उनके अंतिम दर्शन के लिए बॉलीवुड की कई जानी-मानी हस्तियां पहुंची थीं। अमिताभ बच्चन अपने बेटे अभिषेक बच्चन के साथ कब्रिस्तान पहुंचकर अभिनेता को विदाई दी। दिलीप कुमार से जुड़ी कई यादें अमिताभ बच्चन के जेहन में है। उन्होंने अपने ब्लॉग में इसका जिक्र किया है।
पुरानी यादें कीं शेयर
अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार ने फिल्म ‘शक्ति’ में साथ में काम किया था। फिल्म में दिलीप कुमार ने पिता का किरदार निभाया और अमिताभ उनके बेटे बने थे। अपने ब्लॉग में बिग बी उस वक्त के बारे में बताते हैं जब उन्हें सिनेमाहॉल जाने की इजाजत नहीं थी लेकिन पर्दे पर दिलीप कुमार ने जो जादू बिखेरा, वह सब कहानियां उन्होंने सुन रखी थीं। उन्होंने बताया कि जब पहली बार दिलीप कुमार को बड़े पर्दे पर देखा और फिर वह वक्त भी आया जब उन्हें अपने सामने देखकर वह हैरान रह गए थे।
पर्दे पर करिश्माई जादू
अमिताभ लिखते हैं कि ‘उस वक्त जो नाम गूंज रहा था अचानक उसने आकार ले लिया, ठीक मेरे सामने स्क्रीन पर… बड़ा और ब्लैक एंड व्हाइट में, वह नाम, वह दृश्य अक्सर जेहन में आता है... दिलीप कुमार। उनकी उपस्थिति में ही कुछ था। जब वह दिखाई दिए तो बाकी सभी धुंधले हो गए... जब वह बोले तो आपको सही लगा, पक्का भरोसा… और आप इन सबके साथ घर आ गए… और यह आपके साथ रहा।‘
नहीं मिला था ऑटोग्राफ
अमिताभ बच्चन ने दिलीप कुमार को पहली बार एक रेस्टोरेंट में देखा था। आगे वह लिखते हैं कि ‘उत्साह में कांपते हुए और लंबे चिंतन के बाद, मैंने ऑटोग्राफ लेने के बारे में फैसला किया लेकिन ऑटोग्राफ लेने के लिए कुछ था नहीं, तो मैं वापस वहां गलियों में गया और एक किताब खरीदकर रेस्टोरेंट लौटा। राहत की बात थी कि वह अभी भी वहीं थे। चलकर उनके पास पहुंचा, वह बातचीत में व्यस्त थे। किताब को हाथ में लेकर मैंने उनसे कहा... कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने मुझे या मेरी किताब को देखा भी नहीं और थोड़ी देर बाद वह दरवाजे से बाहर चले गए। ऑटोग्राफ बुक मेरे हाथों में है और खाली है... ऑटोग्राफ बुक बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं थी... उनकी उपस्थिति ही काफी थी।‘
अंतिम विदाई
दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि देने अमिताभ बच्चन जुहू के कब्रिस्तान पहुंचे थे। उस वक्त का जिक्र करते हुए अभिनेता ने कहा कि ‘मैं धरती पर मिट्टी के ढेर के सामने खड़ा हूं। अभी-अभी खोदी गई… मिट्टी के ढेर के ऊपर बिखरी हुई कुछ मालाएं और फूल... और उनके आस-पास कोई नहीं... वह नीचे सो रहे... शांतिपूर्ण और बिल्कुल शांत .. उनकी उपस्थिति ही बड़ी थी, टैलेंट से भरे हुए... भव्य रचनात्मक दूरदर्शी... सर्वश्रेष्ठ की यह सर्वश्रेष्ठता... अंतिम... अब कब्र के एक छोटे से मिट्टी के ढेर में सिमट गई.. वह चले गए।‘ आगे अमिताभ कहते हैं कि ‘इतिहास हमेशा रहेगा… दिलीप कुमार से पहले, दिलीप कुमार के बाद।‘