फर्नीचर तोड़ मंत्री-विधायकों पर चलेगा केस, केरल की लेफ्ट सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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बुधवार, 28 जुलाई 2021

फर्नीचर तोड़ मंत्री-विधायकों पर चलेगा केस, केरल की लेफ्ट सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

केरल की सत्ताधारी पार्टी सीपीएम के सदस्यों और पूर्व विधायकों पर साल 2015 में विधानसभा के अंदर हंगामे के वक्त फर्नीचर को नुकसान पहुंचाने के मामले में अब केस चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि इस मामले में राज्य के मौजूदा शिक्षा और श्रम मंत्री वी सिवानकुट्टी और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील के खिलाफ केस चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने राजनेताओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए यह कहा कि विधायकों को मिले विशेषाधिकार आपराधिक कानूनों से बचने का रास्ता नहीं है और इस तरह के विशेषाधिकारों का दावा करने वाले विधायकों ने उन भारतीय मतदाताओं के साथ विश्वासघात किया है, जिन्होंने उन्हें विधायक बनाया।

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों वाली पीठ ने कहा, 'सांसदों और विधायकों को भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था रखनी होगी...सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की तुलना अभिव्यक्ति की आजादी से नहीं की जा सकती है। विधायकों के विशेषाधिकार उन्हें कानून से छूट दिलाने का रास्ता नहीं है।'

कोर्ट ने यह भी कहा कि केरल सरकार की याचिका में कोई दम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला केरल सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें उसने अपने नेताओं के खिलाफ केस वापस लेने की अपील की थी।

केरल सरकार की याचिका से असहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों के व्यवहार पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि अपने हिंसक और अनियंत्रित कृत्यों के लिए विधायकों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

कोर्ट ने कहा, 'जिस जनता का आप प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें आप क्या संदेश देना चाहते हैं? अगर ऐसे विधायकों की जिम्मेदारी तय नहीं की जाएगी, तो इस तरह का व्यवहार बंद नहीं होगा।'

बता दें कि केरल हाई कोर्ट में भी केस वापस लिए जाने की अपील खारिज होने के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सिवानकुट्टी, केटी जलील और चार पूर्व विधायकों पर चल रहा यह केस साल 2015 का है। उस समय ये सभी विपक्ष में थे और विधानसभा में हंगामे के वक्त इन्होंने फर्नीचर-माइक्रोफोन तक को तोड़ दिया था।

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