Gone the star of 83 : रणजी की एक पारी ने बदली थी यशपाल शर्मा की जिंदगी, विश्व कप में खूब चला था बल्ला - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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मंगलवार, 13 जुलाई 2021

Gone the star of 83 : रणजी की एक पारी ने बदली थी यशपाल शर्मा की जिंदगी, विश्व कप में खूब चला था बल्ला

भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य यशपाल शर्मा का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पंजाब के लुधियाना के पुराने कचहरी रोड के पास के रहने वाले यशपाल शर्मा 1978 से 1985 तक भारतीय टीम के लिए खेले। उन्होंने 37 वनडे और 42 टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। शर्मा ने 42 मैच की 40 पारियों में 883 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 89 रन रहा। यशपाल ने अपने करियर में चार अर्धशतक भी लगाए। वह 1979-83 तक भारतीय मध्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उन्होंने कुछ वर्षों के लिए राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में भी काम किया और 2008 में उन्हें फिर से पैनल में नियुक्त किया गया। न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार हैट्रिक लगाने वाले चेतन शर्मा उनके भतीजे हैं। उनकी प्रतिभा को दिवंगत अदाकार दिलीप कुमार ने पहचाना और बीसीसीआई को उनके बारे में बताया। यह बात खुद यशपाल शर्मा ने एक इंटरव्यू में बताई थी। दिलीप कुमार के बहुत बड़े फैन यशपाल शर्मा ने उनके भरोसे को कायम रखा और क्रिकेट की दुनिया में बुलंदी हासिल की।
रणजी के लिए खेलते हुए उन्होंने पंजाब टीम की कप्तानी भी की। यशपाल शर्मा ने 1978 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपना वनडे खेला और फिर 1979 में अपना टेस्ट डेब्यू किया। अपने साढ़े छह साल के क्रिकेट करियर में उन्होंने 37 टेस्ट मैचों में 1606 रन बनाए। इसके अलावा वनडे में भी उनकी बल्ला खूब बोला। निधन की खबर सुनते ही परिवार में मातम पसर गया। यशपाल शर्मा के बड़े भाई वीके शर्मा कहते हैं कि वो मेरा छोटा भाई नहीं मेरा बेटा था। मेरा बहुत सम्मान करता था।

कलाकार दिलीप कुमार पहली बार एक रणजी ट्रॉफी मैच देखने आए थे। यशपाल शर्मा उस मैच की दूसरी पारी में अपने दूसरे शतक के करीब थे। दिलीप कुमार ने मैच देखने के बाद बीसीसीआई से बात की और कहा कि पंजाब का एक लड़का आया है, आप उसे देख लीजिए। उसमें अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की कला है। इस एक बात ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर यशपाल शर्मा के मैच खेलने के रास्ते खोल दिए।

यशपाल शर्मा के क्रिकेट करियर में उन्हें सबसे बड़ा मौका तब मिला जब 1983 में विश्व कप के लिए उनका चयन हुआ। यशपाल वर्ल्ड कप में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी थे। इसके अलावा कभी शून्य पर आउट न होने वाले क्रिकेटर की सूची में भी यशपाल शर्मा का नाम शामिल है।

विश्व कप जीतने के बाद से वह दिल्ली में ही रहने लगे थे। बीच बीच में चंडीगढ़ भी आते जाते रहे। कपिल देव के कोच स्वर्गीय डीपी आजाद पंजाब टीम की कोचिंग टीम के सदस्य भी रहे। उनसे मिलने के लिए यशपाल शर्मा कई बार सेक्टर 16 स्थित क्रिकेट स्टेडियम भी आते थे।


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