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सोमवार, 26 जुलाई 2021
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Heavy devastation in Maharashtra : बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से 149 की मौत, 64 लापता
Heavy devastation in Maharashtra : बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से 149 की मौत, 64 लापता
चिपलून का दौरा करने आए सीएम ठाकरे के काफिले को स्थानीय लोगों ने रोककर तत्काल सहायता देने की अपील की। उन्होंने कस्बे के निवासियों, कारोबारियों और दुकानदारों से बातचीत की
महाराष्ट्र में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 149 हो गई जबकि 64 लोग अभी लापता हैं। प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि बारिश से जुड़े हादसों में 50 लोग घायल भी हुए हैं। 2.29 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में भीषण बाढ़ की चपेट में आए चिपलून का दौरा किया। स्थानीय लोगों ने उनके काफिले को रोककर आ रही समस्याओं के बारे में बताया।
राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के अनुसार, मूसलाधार बारिश से रायगढ़ में तीन स्थानों पर हुए भूस्खलन से अब तक 60 लोगों के शव मलबे से निकाले गए हैं। वहीं, सतारा में 41, रत्नागिरी में 21, ठाणे में 12, कोल्हापुर में 7, सिंधुदुर्ग और पुणे में दो-दो और मुंबई में 4 मौतें हुई हैं।
ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सांगली, सतारा, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग में आई बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। सांगली में आई बाढ़ से 17,300 मुर्गी मर गई जबकि सूबे में 3248 पालतू पशुओं की भी मौत हुई है। सबसे ज्यादा सतारा में 3041 पशुओं की जान गई है।
स्थानीय लोगों ने सीएम का काफिला रोका
चिपलून का दौरा करने आए सीएम ठाकरे के काफिले को स्थानीय लोगों ने रोककर तत्काल सहायता देने की अपील की। उन्होंने कस्बे के निवासियों, कारोबारियों और दुकानदारों से बातचीत की और उन्हें इलाके में हालात सामान्य बनाने में सरकार की ओर से हर संभव मदद का वादा किया।
उन्होंने कहा कि समस्याओं के दीर्घकालिक राहत कार्यों के लिए उन्हें केंद्रीय सहायता की भी जरूरत होगी। वह सोमवार को पूर्वी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और नुकसान का व्यापक आकलन तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए एनडीआरएफ की तर्ज पर प्रदेश के हर जिले में एक अलग बल गठित किया जाएगा और प्रदेश आपदा मोचन बल को मजबूत किया जाएगा। साथ ही बाढ़ प्रबंधन तंत्र भी बनाया जाएगा। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और दवा मुहैया कराने का निर्देश दिया।
अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे ठाकरे
ठाकरे ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के चलते बड़ी संख्या में लोगों की जान जाने के चलते वह 27 जुलाई को अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे। साथ ही उन्होंने लोगों से जगह-जगह पोस्टर या होर्डिंग न लगाने और उनसे मुलाकात के लिए न आने की अपील की।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए उनके जन्मदिन पर कोई सार्वजनिक कार्यक्रम भी न किया जाए। लोगों से उन्होंने मुख्यमंत्री राहत फंड में दान देने का भी आग्रह किया।
पीड़ितों ने कहा, कोई देखने नहीं आया
एक महिला ने ठाकरे से कहा कि बाढ़ में हमने सब कुछ खो दिया है। पिछले तीन दिनों से कोई भी मौके का निरीक्षण करने नहीं आया। जल स्तर घटने के साथ हम अपने घरों और दुकानों से मलबा हटा रहे हैं।
अगर, बाद में अधिकारी आए और उन्हें सब कुछ साफ मिला तो क्या वे हमें मुआवजा देंगे। यदि पहले से सचेत कर दिया होता तो वे अपना 50 फीसदी सामान बचा सकते थे। एक दुकानदार ने कहा कि यहां हम सबने अपना सब कुछ खो दिया है। हम केवल अपनी जान बचा सकते हैं और कुछ नहीं।
केंद्रीय मंत्री राणे, फडणवीस ने सर्वाधिक प्रभावित गांव का किया दौरा
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने रायगढ़ के तलिये गांव का दौरा किया। यहां बृहस्पतिवार को बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन में सर्वाधिक नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें बारिश से हुए नुकसान पर रिपोर्ट देने को कहा है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों से सुझाव लेने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क्षतिग्रस्त आवासों का पुनर्निर्माण कराया जाएगा। राणे के साथ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर भी थे।
2.29 लाख लोगों को सुरक्षित निकाला गया, 875 गांव प्रभावित
सरकार की ओर से बताया गया है कि कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पुणे में कुल 875 गांव बारिश, बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। प्रभावित जिलों से 2.29 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। रत्नागिरी में छह राहत कैंपों में करीब 2000 लोग ठहराए गए हैं।
राहत कार्यों में तीनों सेनाओं में समन्वय के लिए बनाया गया सेंट्रल वार रूम
सैन्य मामलों के विभाग ने महाराष्ट्र में बाढ़ राहत अभियानों के लिए थल सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच करीबी समन्वय के लिए एक सेंट्रल वार रूम बनाया है। सामान्य प्रशासन के आग्रह पर सेना के दक्षिणी कमांड ने स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए 15 राहत और बचाव टीमों को तैनात किया है। ये टीमें सांगली, पालूस, बुर्ली और चिपलून में काम कर रही हैं।
34 टीमें एनडीआरएफ की लगाई गई
एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने रविवार को बताया कि देशभर में बाढ़ और भूस्खलन से उत्पन्न हालात में राहत-बचाव कार्य के लिए 150 टीमों को तैनात किया गया है। इनमें से अकेले 34 टीमें महाराष्ट्र में लगाई गई हैं। इसके अलावा तेलंगाना में 8, कर्नाटक में 7 कार्यरत हैं।
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