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बुधवार, 1 सितंबर 2021
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Afghanistan
Afghanistan News :- अफगानिस्तान में जिंदगी बचाने की कोसिस, काबुल एयरपोर्ट बंद होते ही सीमाओं पर जुटी अफगानों की भीड़
Afghanistan News :- अफगानिस्तान में जिंदगी बचाने की कोसिस, काबुल एयरपोर्ट बंद होते ही सीमाओं पर जुटी अफगानों की भीड़
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लाखों लोग हर हाल में देश छोड़कर भाग जाना चाहते हैं। तालिबान की क्रूरता से डरे हुए हजारों लोग ऐसा करने में सफल भी हो गए, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो चाहकर भी निकल नहीं पाए हैं। काबुल में एयरपोर्ट बंद होने के बाद अब अफगानों की भीड़ सीमाओं पर बढ़ गई है। जान बचाने के लिए लोग बॉर्डर पार करके दूसरे पड़ोसी मुल्कों में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद इस्लामिक चरमपंथी गुट बैंकों, अस्पतालों और सरकारी मशीनरी को चलाने की कोशिशों में जुट गया है। सोमवार को अमेरिकी सैनिकों के अंतिम विमान की उड़ान के साथ ही दशकों से युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में अमेरिका का 20 साल पुराना अभियान अधूरे नतीजों के साथ खत्म हो गया।
काबुल में एयरपोर्ट बंद होने के बाद तालिबान से डरे हुए लोग सीमा पार करने की कोशिश में जुटे हैं। पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के देशों से सटे अफगानिस्तान की सभी सीमाएं स्थलीय हैं। पाकिस्तान में खाइबर पास के पूर्व में स्थित बॉर्डर क्रासिंग तोरखम में एक अधिकारी ने बताया, ''सीमा पर अफगानिस्तान साइड में बड़ी संख्या में लोग गेट खुलने का इंतजार कर रहे हैं।'' प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अफगानिस्तान-ईरान के बीच इस्लाम काला बॉर्डर पोस्ट पर भी हजारों की तादात में लोग मौजूद हैं।
ईरान में घुसने में सफल रहे 8 लोगों के समूह में से एक अफगान ने कहा, ''मैंने महसूस किया कि ईरानी सुरक्षा बलों के बीच होना पहले से अधिक राहत भरा है।'' 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने यहां से 1,2300 लोगों को बाहर निकाला, जिनमें अमेरिकी सैनिकों, नागरिकों के अलावा वे अफगान भी शामिल हैं, जिन्होंने पिछले 20 सालों में अमेरिका की मदद की थी। इस्लामिक स्टेट की ओर से हमले के बाद अमेरिका ने 31 अगस्त की डेडलाइन से 24 घंटे पहले ही अफगानिस्तान को अलविदा कह दिया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन (UNHCR) ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस साल के अंत तक 5 लाख से अधिक अफगान देश छोड़ सकते हैं। अकेले जर्मनी का अनुमान है कि 10 से 40 हजार अफगान विकास संगठनों के साथ काम कर रहे हैं और यदि वे खुद को असुरक्षित महूसस करते हैं तो उन्हें जर्मनी लाया जाए। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने तालिबान से अपील की कि अफगानिस्तान छोड़ने की इच्छा रखने वालों को सुरक्षित निकलने दिया जाए।
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