Uttarakhand Assembly Elections 2022 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले कांग्रेस प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी ही पार्टी के संगठन पर सहयोग न करने का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि संगठन सहयोग की बजाय नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। निराशा जाहिर करते हुए उन्होंने ये तक कह दिया कि उन्हें महसूस हो रहा है कि अब विश्राम का वक्त आ गया है। वहीं, आज पत्रकारों के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि "जब समय आएगा, तो मैं आपको कॉल करूंगा और इसे आपके साथ साझा करूंगा। अभी के लिए आप आनंद लें। वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। अगर देवेंद्र यादव की मौजूदगी में राहुल गांधी की रैली से उनके पोस्टर हटा दिए जाते हैं, तो उनकी भूमिका संदेह में आ जाती है। संभावना है कि देवेंद्र यादव साजिश में शामिल हो।

कांग्रेस प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी ही पार्टी के संगठन पर सहयोग न करने का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि संगठन सहयोग की बजाय नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। निराशा जाहिर करते हुए जानिए वे क्या बोले...
हरीश रावत प्रदेश के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं, जो बेबाकी से इंटरनेट मीडिया के जरिये अपने दिल की बात कह देते हैं। बुधवार दोपहर को भी रावत की फेसबुक पर की गई एक पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस पोस्ट के सियासी गलियारों में अलग-अलग मायने भी निकाले जाने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के रुख से नाखुश हैं। रावत पिछले कई महीनों से खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आलाकमान ने इसे खारिज कर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने की ये पोस्ट...(Former CM Harish Rawat did this post...)
है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाए या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है! फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे !