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मंगलवार, 11 जनवरी 2022

BJP's strategy to put veteran leaders in the electoral fray, hope of profit in the electoral battle

दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने की BJP की रणनीति, चुनावी घमासान में फायदे की उम्मीद
भाजपा ने सैद्धांतिक तौर पर यह फैसला कर लिया है कि वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को विधान सभा के चुनावी मैदान में उतारेगी।


HIGHLIGHTS
  • बीजेपी योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को चुनावी मैदान में उतारेगी
  • वर्तमान में यूपी भाजपा के ये तीनों ही दिग्गज नेता विधान परिषद के सदस्य हैं
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहां से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे, इसे लेकर सस्पेंस अभी तक बना हुआ है, लेकिन बताया जा रहा है कि चुनावी घमासान को लेकर भाजपा ने एक बड़ी रणनीति पर अमल करने का फैसला कर लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा ने सैद्धांतिक तौर पर यह फैसला कर लिया है कि वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को विधान सभा के चुनावी मैदान में उतारेगी।

आपको बता दें कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश भाजपा के ये तीनों ही दिग्गज नेता विधान परिषद के सदस्य हैं, लेकिन अगर भाजपा ने अपने फैसले पर अमल किया और जनता ने इन्हें चुना तो ये 10 मार्च के बाद विधानसभा सदस्य के रूप में भी शपथ लेते नजर आएंगे। भाजपा के एक बड़े नेता ने बताया कि योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य जैसे दिग्गज और लोकप्रिय नेता के विधानसभा चुनाव में उतरने का फायदा पार्टी को उस सीट विशेष के साथ-साथ अगल-बगल की दर्जनों विधानसभा सीटों पर भी मिलना तय है।

योगी आदित्यनाथ इससे पहले कभी भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़े हैं। 2017 में मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से लगातार 5 बार लोकसभा के सांसद चुने जा चुके हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि वो गोरखपुर जिले की ही किसी सीट से लड़ सकते हैं, लेकिन हाल ही में भाजपा राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर उन्हें मथुरा से चुनाव लड़वाने की मांग कर चुके हैं। हालांकि पार्टी के कई नेता उन्हें अयोध्या तो कई पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लड़वाने की सलाह भी दे रहे हैं।

बताया जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य अपनी पुरानी सीट सिराथू से ही विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं वहीं राज्य के दूसरे उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा अतीत में राजधानी लखनऊ के मेयर रह चुके हैं इसलिए पार्टी उन्हें यहीं से लड़ाने पर विचार कर रही है।

उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया से जुड़े पार्टी के एक दिग्गज नेता ने एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि पार्टी के पास कई माध्यमों से राज्य की सभी विधानसभाओं की रिपोर्ट आ रही है, लेकिन किस सीट से किन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा, इस बारे में पार्टी की राज्य चुनाव समिति की सिफारिश के आधार पर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति दिल्ली में बैठक कर अंतिम फैसला करेगी। पार्टी नेता ने बताया कि क्षेत्र विशेष के समीकरण को देखते हुए भाजपा योगी सरकार के कई ऐसे मंत्रियों को भी चुनावी मैदान में उतार सकती है, जो वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य हैं।

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