शामली जिले में स्थित कैराना की विशेष अदालत ने 15 जनवरी को विधायक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
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- कैराना सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर नामांकन कर चुके 34 वर्षीय हसन को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
- सांसद-विधायक विशेष अदालत के जज सुबोध सिंह ने कहा कि जमानत का मामला नहीं था, इसलिए अर्जी खारिज कर दी गई।
- पुलिस के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के विधायक हसन समेत कुल 40 लोगों पर पिछले साल मामला दर्ज किया गया था।
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में कैराना की विशेष अदालत ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन की जमानत अर्जी खारिज कर दी। हसन को पिछले हफ्ते गैंगस्टर ऐक्ट के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैराना सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर नामांकन कर चुके 34 वर्षीय हसन को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। इस सीट के लिए चुनाव 10 फरवरी को पहले चरण में होगा। सांसद-विधायक विशेष अदालत के जज सुबोध सिंह ने कहा कि जमानत का मामला नहीं था, इसलिए जमानत अर्जी खारिज कर दी गई।
‘जमानत के लिए हाई कोर्ट जाएंगे’ ('Will go to High Court for bail')
जमानत अर्जी खारिज होने के बाद हसन के वकील ने कहा कि वह जमानत के लिए हाई कोर्ट जाएंगे। सरकार के वकील अशोक पुंधीर के मुताबिक शामली जिले में स्थित कैराना की विशेष अदालत ने 15 जनवरी को विधायक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पुलिस के मुताबिक, हसन समेत कुल 40 लोगों पर पिछले साल मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अधिकतर लोग जमानत पर रिहा हो चुके हैं, लेकिन हसन अब तक अदालत के समक्ष पेश होने में नाकाम रहे थे। इसके मद्देनजर अदालत की ओर से एक गैर जमानती वारंट जारी करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
‘सपा नेताओं को झूठे केस में फंसा रही बीजेपी’ ('BJP is implicating SP leaders in false cases')
विधानसभा चुनाव में आपराधिक पृष्ठिभूमि के उम्मीदवारों को उतारने को लेकर राजनीतिक हमलों का सामाना कर रहे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मंगलवार को BJP पर आरोप लगाया कि वह उसके नेताओं को झूठे केस में फंसा रही है। अखिलेश ने उस याचिका को BJP प्रायोजित याचिका करार दिया जिसमें शीर्ष अदालत से निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह ऐसी किसी पार्टी को अपंजीकृत कर दे जिसने अपने प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देने को लेकर शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है। इस याचिका में सपा विधायक हसन का भी उल्लेख है।