Police constable bharti paper leak case, big disclosure of police :- कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक के आरोपी नहीं जानते थे हिमाचल के मुख्यमंत्री तक का नाम सुनील चड्ढा - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शनिवार, 7 मई 2022

Police constable bharti paper leak case, big disclosure of police :- कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक के आरोपी नहीं जानते थे हिमाचल के मुख्यमंत्री तक का नाम सुनील चड्ढा

Police constable bharti paper leak case, big disclosure of police :- कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक के आरोपी नहीं जानते थे हिमाचल के मुख्यमंत्री तक का नाम सुनील चड्ढा


पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक

फर्जीवाड़ा कर हिमाचल प्रदेश पुलिस में ऐसे युवक भर्ती होने जा रहे थे, जो कांगड़ा के मंत्रियों का नाम तक नहीं जानते थे। पेपर लीक मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपी मुख्यमंत्री तक का नाम नहीं जानते थे। पुलिस ने जब उनसे कांगड़ा जिले के तीन मंत्रियों के नाम पूछे तो जवाब में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कांगड़ा जिले का मंत्री बताया। पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में छह से आठ लाख रुपये देकर पास हुए युवक चार मई को धर्मशाला में दस्तावेजों की जांच के लिए पहुंचे थे।

पुलिस को शक हुआ तो इनसे पूछताछ की। पुलिस ने इनसे पूछा कि हिमाचल का मुख्यमंत्री कौन है। कांगड़ा जिले के आरोपी युवकों मुनीष कुमार, मनी चौधरी और गौरव को मुख्यमंत्री का नाम तक पता नहीं था। मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसर हैरान हैं कि जिन युवकों को हिमाचल के मुख्यमंत्री और अपने ही जिले के मंत्रियों का नाम तक नहीं पता, वे अगर नौकरी पा लेते तो क्या करते। तीनों आरोपी युवकों ने बत्तरा कॉलेज पालमपुर और सेंट पॉल परीक्षा केंद्रों में परीक्षा दी थी।

गगल में पूरी रात रटाए प्रश्न और उत्तर

पेपर लीक मामले में पकड़े गए तीन आरोपी युवकों में से दो को लिखित परीक्षा से एक दिन पहले 26 मार्च को गगल में टाइप्ड पेपर में प्रश्न और उत्तर रटाए गए थे। कांशी राम वेब सॉल्यूशन संस्थान में दोनों युवकों को पूरी रात रखा गया। यहां युवकों को 27 मार्च को आने वाले पेपर में सभी प्रश्न और उत्तर बताए गए। दोनों युवकों के मैट्रिक में 50 फीसदी से कम नंबर थे, लेकिन कांस्टेबल लिखित परीक्षा में इनके 90 फीसदी से ज्यादा नंबर आए। कांशीराम वेब सॉल्यूशन संस्थान चलाने वाला आरोपी हरियाणा का रहने वाला है। अभी यह पुलिस के हाथ नहीं आया है।

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पुलिस के लिए चुनौती- मास्टरमाइंड ने नहीं छोड़ा कोई सुबूत
पेपर लीक मामले के आरोपी मास्टरमाइंड ने फिल्मी स्टाइल में मंझे हुए खिलाड़ी की तरह पेपर लीक किया है। मास्टरमाइंड ने पेपर लीक करने के दौरान पुलिस के लिए ऐसा कोई सुबूत नहीं छोड़ा, जिससे उसको आगे सजा हो सके। मास्टरमाइंड ने 27 मार्च की लिखित परीक्षा का असली पेपर अभ्यर्थियों को व्हाट्सएप के माध्यम से या हार्ड कॉपी के रूप में नहीं दिया। पैसे लेकर युवकों को सिर्फ पेपर में आने वाले प्रश्न और उत्तर रटाए गए। पैसे का लेन-देन सिर्फ कैश में किया गया। कोई भी लेन देन ऑनलाइन नहीं हुआ।


डॉ. खुशहाल शर्मा, एसपी कांगड़ा 

पर्दाफाश करने वाले दोनों एसपी को एसआईटी से कर दिया गया था बाहर

पेपर लीक मामले का पर्दाफाश करने वाले एसपी कांगड़ा खुशहाल चंद शर्मा और एसपी बनगढ़ बटालियन विमुक्त रंजन को डीजीपी की ओर से बनाई गई एसआईटी में शुक्रवार सुबह तक शामिल नहीं किया गया था।
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कांस्टेबल भर्ती मामला। 

मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा तब जाकर दोनों तेजतर्रार अफसरों को एसआईटी में शामिल किया गया। पेपर लीक मामले की जानकारी चार मई को पता लग गई थी, लेकिन पुलिस की ओर से पेपर लीक मामले की जानकारी पांच मई रात करीब आठ बजे दी गई, जिस पर सीएम काफी गुस्सा भी हुए।

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