वाराणसी। चोलापुर थाना क्षेत्र की 23 वर्षीया अविवाहित छात्रा की गर्भपात के दौरान हुई मौत की चर्चित घटना का एक आरोपित वीरेंद्र कुमार पटेल उर्फ वीके शुक्रवार को मोहांव चौराहा पर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। यह बीए अर्थशास्त्र से पास है और नगर के एक निजी अस्पतालों में ओटी इंचार्ज रहा। बिना मेडिकल की डिग्री के अब यह निजी अस्पतालों में मरीजों का आपरेशन करता रहा। इसी ने गर्भपात के लिए प्रेमी द्वारा लाई गई युवती को पहले एनेस्थिसिया का इंजेक्शन लगाया और फिर आपरेशन भी कर दिया। इस अनाड़ी की करतूत बीए की छात्रा को मौत के मुंह में झोंक दिया। पुलिस इस मामले में छात्रा के कथित प्रेमी प्रद्युम्न यादव और निजी अस्पताल की संचालिका को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। प्रद्युम्न यादव के एक साथी की पुलिस को तलाश है।

गौरतलब है कि 16 अगस्त को 23 वर्षीया छात्रा की निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। छात्रा को करीब छह माह का गर्भ था। पेशे से ड्राइवर और कथित प्रेमी प्रद्युम्न छात्रा को चोरी से गर्भपात कराने अस्पताल ले गया था। गिरफ्त में आये वीरेंद्र ने जो पुलिस को जो बयान दिया वह गांव की भोलीभाली जनता की जिंदगी के खिलवाड़ का जीता जागता नमूना है। इसे सुनकर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह उमरहां खानपुर के शिवांगी अस्पताल में रहता है और वहीं कर्मचारी है। वीरेंद्र ने बताया कि वह गणेश लक्ष्मी हास्पिटल की मालकिन शीला पटेल के बुलाने पर वह वहां गया था। वहां उसे बताया गया कि युवती को करीब छह माह का गर्भ है और उसका गर्भपात कराना है। मैने एनेस्थिसिया का युवती को इंजेक्शन लगाया। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। उसने आपेरशन की सलाह दी। बताया जाता है कि उसने आपरेशन कर भी दिया। इस दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने उससे मेडिकल की डिग्री के बारे में पूछा तो माफी मांगने लगा। बताया कि मैने अर्थशास्त्र से बीए किया है। मेरे पास यही डिगी है। इससे पहले मैने मेरेडियन हास्पिटल में ओटी इंचार्ज के रूप में कुछ दिन काम किया था। वहां मैने डाक्टरों को आपरेशन करते देखा था। इसके बाद मैने भी आपरेशन शुरू कर दिया। देहात के लोग समझ नही पाते। कभी कभी मामला बिगड़ जाता है तो भ्रमित कर दिया जाता है। पुलिस ने इन आरोपितों के खिलाफ धारा 376, 313, 314, 315, 316 के तहत एफआईआर दर्ज किया है। आरोपित को गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम में थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार मिश्र, इंस्पेक्टर अवधेश कुमार तिवारी, एसआई हरिकृष्ण यादव, कांस्टेबल अमित कुमार पटेल, आलोक भारती रहे।
यह था मामला
चोलापुर थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती की मां का निधन हो चुका है। मां के निधन के बाद युवती उसी थाना क्षेत्र के दूसरे गांव में अपने मामा के यहां रहकर पढ़ाई कर रही थी। घर से कालेज आते-जाते समय निजी विद्यालय के ड्राइवर प्रदुम्न यादव से उसके सम्बंध हो गये। प्रदुम्न ने युवती को अपने प्रेम जाल में फंसाने के लिए तमाम प्रलोभन दिये और वह झांसे में उसके जाल में फंस गई। फिर प्रदुम्न युवती का शारीरिक शोषण करने लगा। परिवारवालों की गैरजानकारी में दोनों एक-दूसरे से मिलते रहे। इस दौरान युवती को गर्भ ठहर गया। अब युवती उस पर शादी का दबाव बनाने लगी। आश्वासनों में समय बीतता गया और गर्भ करीब छह माह का हो गया। प्रदुम्न ने युवती के गर्भपात के लिए बेला मार्ग पहड़िया के निजी अस्पताल से बात की। मोटी रकम लेकर संचालिका गर्भपात कराने के लिए तैयार हो गई और दूसरे अस्पताल के कर्मचारी वीरेंद्र कुमार पटेल को बुलाकर गर्भपात कराने की कोशिश की जिससे छात्रा की मौत हो गई। जब परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो हंगामा हुआ और मामला पुलिस तक पहुंचा।