लखनऊ। देश-दुनिया के प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के लिए उत्तर प्रदेश के मनोहारी प्राकृतिक स्थलों पर घूमना अब और लुभावना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में इको टूरिज्म के लिहाज से लोगों की पसंद वाले स्थलों के संरक्षण, संवर्धन और विकास के लिए 'इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड' गठित करने का फैसला किया है। मंगलवार को योगी कैबिनेट ने बोर्ड गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। करीब एक दर्जन विभागों की सहभागिता वाला यह बोर्ड प्रदेश के इको टूरिज्म की संभावनाओं को विस्तार देने की कार्ययोजना तैयार करेगा।
कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म की अपार संभावनाओं के सर्वांगीण विकास के लिए पर्यटन, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, आयुष, ग्राम्य विकास , सिंचाई , नगर विकास, कृषि, उद्यान, खेल व परिवहन विभाग सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय करते हुए उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया जाएगा। इससे उत्तर प्रदेश के पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए व्यवसायियों एवं सेवा प्रदाताओं का आर्थिक विकास होगा। यही नहीं, इको संवेदनशील क्षेत्रों का संरक्षण होने के साथ ही रोजगार एवं राजस्व में वृद्धि भी हो सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी की मंशानुसार परिस्थितिकी स्थलों का संरक्षण व संवर्धन के लिए स्थानीय निवासियों को गाइड की भूमिका में जोड़ा जाएगा। इससे प्रदेश में पारिस्थतिकी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा एवं पर्यटकों की संख्या में प्रभावशाली वृद्धि भी हो सकेगी, साथ ही रोजगार सृजन के नए अवसर पैदा होंगे। बोर्ड द्वारा पारिस्थितिकी पर्यटन क्षेत्र के विकास हेतु ट्रेकिंग, हाईकिंग साइक्लिंग आदि, कैरावन टूरिज्म, सी-प्लेन, रिवर क्रूज, एडवेंचर टूरिज्म, होटल/रिसोर्ट एवं अवस्थापना सुविधाओं का विकास, बैलूनिंग, जंगल कैम्पिंग तथा वेलनेस टूरिज्म आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा जैसी गतिविधियों से संबंधित विभिन्न कार्य किए जाएंगे। तय नीति के मुताबिक इको-टूरिज्म जोन में सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) मोड पर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा। जंगल सफारी के लिए वन विभाग की सहायता से गाइडों का प्रशिक्षण एवं उनकी बुकिंग की जाएगी। पर्यटकों की सुविधा के लिए अवस्थापना एवं आवासीय सुविधा को बढ़ाया जाएगा तथा इको-टूरिज्म के लिए गाइडों का प्रशिक्षण, आतिथ्य, खान-पान और ट्रैकिंग की व्यवस्था का भी विस्तार होगा।
26 वन्य जीव अभ्यारण्य, 12 पक्षी विहार 9 इको टूरिज्म सेक्टर और 1 राष्ट्रीय उद्यान से समृद्ध है यूपी
उत्तर प्रदेश में लगभग 16,582 वर्ग किलोमीटर के वन क्षेत्र के साथ अनेक सुन्दर परिदृश्य, वन-विस्तार, बहती नदियों और लुभावने सुंदर झरनों और बड़ी संख्या में लुप्तप्राय पक्षियों और जानवरों की उपलब्धता है। राज्य में एक राष्ट्रीय उद्यान, 26 वन्यजीव अभ्यारण्य हैं, जिनमे से 12 पक्षी विहार हैं। इसके अलावा राज्य 09 इको-टूरिज्म सर्किट (पश्चिमी वन्यजीव सर्किट, बृजभूमि वन्यजीव/वेटलैंड सर्किट, पूर्वी वन्यजीव सर्किट, टाइगर सर्किट, बुन्देलखंड सर्किट, विंध्य वन सर्किट, गंगा बेसिन/अर्थ गंगा, पश्चिमी पक्षी विज्ञान/ वेट लैंड भूमि सर्किट जैसे पर्यटकों के लिए शानदार क्षेत्र हैं।
ऐसा होगा इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड का स्वरूप
उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म विकास बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। जबकि सदस्य के रूप में कृषि विभाग, आयुष विभाग, वित्त विभाग, पर्यटन विभाग, सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास विभाग के मंत्रीगण और मुख्य सचिव सदस्य की भूमिका में होंगे। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, पर्यटन को बोर्ड में सदस्य सचिव की जिममेदारी दी गई है। इसके अलावा, विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में क्षेत्रीय प्रबन्धक, आईआरसीटीसी, महानिरीक्षक, सशस्त्र सीमा बल, वर्ल्ड वाइल्ड फंड फार नेचर, भारत के प्रतिनिधि, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, इंडिया के प्रतिनिधि, कछुआ कंजर्वेशन फंड के प्रतिनिधि, कतर्नियाघाट फाउंडेशन के प्रतिनिधि और 05 नामित पर्यावरण एवं पर्यटन विशेषज्ञ होंगे।