वाराणसी। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पांच माह बाद भी बच्चों को पाठ्य पुस्तकें न उपलब्ध होने पर वाराणसी के विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने रोष जताया। कार्यकर्ता शुक्रवार को ज्ञापन देने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे। विभाग के मंत्री के वाराणसी दौरे के कारण कोई जिम्मेदार अधिकारी कार्यालय में नही मिला तो कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन को दीवार पर चस्पा कर दिया और लौट गए।

एक देश समान शिक्षा अभियान उत्तर प्रदेश एवं अन्य सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बताया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने और विद्यालयों के संसाधनों में कायाकल्प किये जाने का दावा लगातार किया जा रहा है। शासन व प्रशासन के यह दावे स्कूलों में पढनेवाले लाखों बच्चों में उम्मीद जगाते हैं। लेकिन खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ हुए 5 माह का समय बीत गया। इसके बावजूद अभी तक इन बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई जा सकीं हैं। आधी-अधूरी, फटी- पुरानी किताबों के दम पर किसी प्रकार पठन-पाठन कराया जा रहा है। जबकि सितम्बर, अक्तूबर माह में ही परीक्षाएं भी होने वाली हैं। ऐसे में बच्चे किस प्रकार गुणवत्ता पूर्ण पढ़ाई कर पा रहे हैं यह एक यक्ष प्रश्न है।

कार्यकर्ताओं ने बताया कि बदली हुई व्यवस्था के चलते बच्चों के लिए यूनिफार्म, जूते, बैग आदि के लिए पैसे सीधे अभिभावकों के बैंक खाते में भेज दिए जाने लगे हैं। वर्तमान दौर में यह व्यवस्था व्यावहारिक नहीं है। प्रायः कतिपय अभिभावकों द्वारा दूसरे आकस्मिक खर्चों में पैसे व्यय किये जाने के कारण आज विद्यालयों में बिना यूनिफार्म और बैग वाले बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे ऐसे बच्चों में हीन भावना का घर कर जाना स्वाभाविक है। इसके साथ ही अनेक विद्यालयों में नियमित और मानक के अनुरूप मध्याह्न भोजन न उपलब्ध होने की शिकायतें आम हो चुकी है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से बेसिक शिक्षा अधिकारी को संबोधित ज्ञापन के माध्यम से मांग की गयी कि सभी सरकारी स्कूलों के शत प्रतिशत बच्चों को पाठ्य पुस्तकें तत्काल उपलब्ध कराई जांए। अगले सत्र से यह सुनिश्चित हो कि सत्रारंभ में ही सभी बच्चों को पुस्तकों का वितरण हो जाय। स्कूल यूनिफॉर्म, बैग, जूते, मोज़े, स्वेटर आदि की आपूर्ति की व्यवस्था विद्यालय स्तर पर समयबद्ध तरीके से विद्यालय प्रबंध समिति और क्षेत्रीय शिक्षा समिति की देखरेख में की जाय। सभी सरकारी और वित्तीय सहायता प्राप्त स्कूलों में मध्याह्न भोजन की व्यवस्था नियमित एवं मानक के अनुरूप होना सुनिश्चित होना चाहिए। इसकी औचक जांच निष्पक्ष टीम बना कर कराई जानी चाहिए।

कार्यकर्ताओं ने बताया कि जिले में शिक्षा मंत्री का दौरा होने के कारण कार्यालय में कोई जिम्मेदार व्यक्ति ज्ञापन प्राप्त करने के लिए उपलब्ध नही थे। इसलिए उन्होंने ज्ञापन को डाक पटल पर प्राप्त करा दिया। इसके साथ ही ज्ञापन को मुख्य द्वार पर चस्पा भी कर दिया गया। कार्यक्रम में वल्लभाचार्य पाण्डेय, फादर आनंद, सतीश सिंह, रामजनम, धनंजय त्रिपाठी, विनय सिंह, प्रदीप सिंह, सच्चिदानंद ब्रह्मचारी, जागृति राही, चंपक, महेंद्र राठौर, रवि शेखर, एकता आदि रहे।