वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के फुलवरिया-लहरतारा फोर लेन परियोजना में लापरवाही बरतने के मामले में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के आदेश पर लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद के निर्देश पर राजकीय सेतु निगम के प्रबंध निदेशक संजीव भारद्वाज ने सहायक अभियंता ज्ञानेंद्र वर्मा और अवर अभियंता राजेश कुमार को निलम्बित कर दिया है। अभी इस मामले की जांच चल रही है। जांच की जद में और अधिकारी भी आ सकते हैं।
गौरतलब है कि शुक्रवार की शाम को फुलवरिया-लहरतारा फोर लेन पर इमिलिया घाट पुल से सटे करीब 50 मीटर तक सड़क पर गहरी दरारें पड़ने, धंसने की खबर लाइव वीएनएस की टीम ने सोशल मीडिया पर प्रसारित की थी। इसके बाद यह खबर मीडिया में वायरल होने लगीं। अब शनिवार की सुबह सेतु निगम के अधिकारियों ने लापरवाहियों पर पर्दा डालने के लिए पैबंद लगाने का काम शुरू करा दिया।
ट्रैक्टरों से लाई गई मिट्टी, गिट्टी और बालू से दरारें भरी जाने लगीं। मौके पर वरिष्ठ अधिकारी आने से बचते रहे लेकिन श्रमिकों और मातहतों के जरिए पैबंद लगाने का काम शाम तक चलता रहा। लेकिन जैसे ही पता चला कि मुख्यमंत्री ने इसका सज्ञान ले लिया है और एक्शन होनेवाला है तो जेसीबी भेज दी गई। बोल्डर गिराये जाने लगे। लेकिन ‘चिड़िया चुंग गई खेत‘ वाली कहावत चरितार्थ हुई। रात में ही दो अफसरों को सस्पेंड करने की खबर आ गई। मामले की जांच के आदेश हो गये। इसके बाद पैबंद उखाड़कर नई सड़क बनाने का काम शुरू हो गया।

दरअसल पुल या ऊंचाई वाले जगहों पर सड़क बनाते समय उसके दोनों किनारों की मिट्टी का बहाव रोकने के लिए बोल्डर या सीमेंट की दीवारें खड़ी की जाती है। सामान्य सी बात है कि यह मौसम बारिश और बाढ़ का है और सड़क से सटी वरूणा नदी बह रही हैं। ऐसे में इस पानी को मिट्टी के टीले कब तक झेल सकते थे। सेतु निगम के पास इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों की फौज है। फिर भी समय रहते ध्यान न देने के कारण प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट और मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली परियोजना में पलीता लग गया। अफसर अब इसे सुधारने में तेजी से लग गए हैं।
पार्टी के ही पदाधिकारी ने की पहल
वाराणसी। सरकार के विकास कार्यों पर सवालिया निशान लगाने का काम अक्सर विपक्षी दलों के लोग करते हैं। लेकिन यहां मामला उलटा है। शुक्रवार की शाम करीब पांच बजे भाजपा लोहता मंडल के मीडिया प्रभारी अजय वर्मा प्रजापति की दरारों पर नजर पड़ गयी। हादसे की आशंका को देखते हुए पार्टी के इस कार्यकर्ता ने दो सिपाहियों की मदद से खुद पेड़ की डाल उठाकर पहले दक्षिणी हिस्से से आवागमन को रोका। फिर उत्तरी हिस्से पर लकड़ी का पटरा खड़ा कर राहगीरों को सजग करने का काम किया। यदि देर रात कोई बड़ा वाहन उधर से गुजरता तो हादसे से इनकार नही किया जा सकता था।
पार्टी कार्यकर्ता अजय वर्मा का कहना था कि यह सीधे-सीधे सेतु निगम के अफसरों की लापरवाही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भी वाराणसी दौरे पर आते हैं तो फुलवरिया-लहरतारा परियोजना की प्रगति पर हमेश सवाल पूछते हैं। तीन बार निरीक्षण कर चुके हैं। चेतावनियां देते रहे, इसके बाद भी यह लापरवाही हुई। अब मुख्यमंत्री ने सज्ञान ले लिया है। परियोजना जल्द पूरा होगी और काम भी बेहतर होगा।