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सोमवार, 29 अगस्त 2022
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श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर में पहुंचीं मां गंगा, मणिकर्णिका घाट की छत पर हो रहा दाह संस्कार
श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर में पहुंचीं मां गंगा, मणिकर्णिका घाट की छत पर हो रहा दाह संस्कार
वाराणसी। भगीरथ की तपस्या और शिव शंकर के आदेश के बाद स्वर्ग से चलीं मां गंगा में आई बाढ़ की हालत यह है कि मां श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के कारिडोर की ओर प्रवेश करने लगी हैं। हालांकि कारीडोर के विशेषज्ञों ने दावा किया था कि बाढ़ का पानी मंदिर तक नही पहुंचेंगा लेकिन मां ने मणिकर्णिकाघाट की ओर से दूसरा रास्ता बना लिया है। जलासेन घाट पर दिव्यांगों के लिए बनाया गया रैम्प डूब चुका हैं। कारीडोर में स्थित हनुमानजी की मूर्ति बाढ़ की चपेट में आ चुकी है।
मां गंगा अब खतरे के निशान से ऊपर जा चुकी हैं। जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अभी राजस्थान से छोड़र गया 25 लाख क्यूसेक पानी 30 अगस्त की दोपहर वाराणसी में प्रवेश करेगा। ऐसे में जलस्तर के कम होने के कोई आसार नजर नही आते। उधर, काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शवदाह में मुश्किलें आ चुकी हैं। घाट पर शवदाह के लिए बने भवन की छत पर दाह संस्कार हो पा रहा है। शवयात्री गलियों से ही नाव पर सवार होकर शवदाह स्थल जा पा रहे हैं। चिता के लिए लकड़ियां भी नाव से ही ले जाई जा रही हैं। ऐसे में नाव और लकड़ियों की ढुलाई का अलग खर्च शवयात्रियों को वहन करना पड़ रहा है।
गंगा अब घाट के किनारे के क्षेत्रों गढ़वा घाट, मलहिया, सामने घाट, नगवा, अस्सी, रीवां, तुलसी घाट, जैन घाट, चेतसिंह घाट, हनुमानघाट, हरिश्चंद्र घाट, केदार घाट, दशाश्वमेध होते हुए राजघाट तक के आसपास के रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर चुकी हैं। ऐसे में सैकड़ों परिवारों को घर छोड़कर पलायन करने की नौबत आ चुकी है। जिनके पास शरण लेने के लिए जगह नही वह बाढ़ राहत शिविरों में जा रहे हैं। अधिकतर लोगों ने तो बिना सरकारी मदद की अपेक्षा के परिचितों व रिश्तेदारों के यहां ठिकाना बना लिया है।
इधर, मणिकर्णिका घाट के समीप विश्वनाथ कारीडोर के लिए लिए बने गंगा द्वार को गंगा छूने लगी हैं। दस सीढ़ी ही शेष बची है। हालांकि सन 1978 में आई बाढ़ का पानी भी बाबा तक नही पहुंच पाया था। लेकिन कारीडोर बनाने की तमाम इंजीनियरिंग को धत्ता बताते हुए मां गंगा कारीडोर में प्रवेश कर चुकी हैं। अभी गंगा एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं। राजस्थान का पानी अभी आना बाकी है। जिन रास्तों से गंगा के पानी की निकासी होनी है वहां की नदियां भी उफान पर हैं। ऐसे में भविष्य में गंगा के बाढ़ की स्थिति क्या होगी यह मां गंगा ही जानें।
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