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शनिवार, 3 सितंबर 2022
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इतिहास के पन्नों में 03 सितंबरः राजाओं के खेल 'पोलो' की कहानी है सुहानी | September 03 in the pages of history: The story of the king's game 'Polo' is pleasant
इतिहास के पन्नों में 03 सितंबरः राजाओं के खेल 'पोलो' की कहानी है सुहानी | September 03 in the pages of history: The story of the king's game 'Polo' is pleasant
देश-दुनिया के इतिहास में 03 सितंबर की तारीख कई मायने में महत्वपूर्ण है। राजाओं के खेल 'पोलो' के लिहाज से इस तारीख का इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। 03 सितंबर, 1875 को दुनिया का पहला पोलो मैच खेला गया था। अर्जेंटाइन ओपन पोलो टूर्नामेंट में खेले गए इस मैच को पहला आधिकारिक पोलो मैच माना जाता है। पोलो दुनिया का सबसे पुराना टीम स्पोर्ट है। इसका इतिहास 2000 साल से भी ज्यादा पुराना है। भारत में पोलो को आधुनिक रूप में लाने का श्रेय मुगलों को जाता है। ब्रिटिश काल में प्रसिद्ध ब्रिटिश कप्तान रॉबर्ट स्टीवर्ट पोलो का अंग्रेजी रूप लेकर आए। ब्रिटिश शासकों ने असम के सिलचर में एक पोलो क्लब की स्थापना की। हालांकि मणिपुर और मंगोल जाति के लोग ब्रिटिशर्स के आने से पहले से ही पोलो खेलते थे। इसी वजह से मणिपुर को पोलो का जन्मस्थान माना जाता है। ‘सागो कांगजेई’ नामक एक पारंपरिक मणिपुरी खेल को आधुनिक पोलो का जन्मदाता माना जाता है।
1892 में भारत में इंडियन पोलो एसोसिएशन की स्थापना हुई। उस समय अलग-अलग रियासतों की अपनी पोलो टीम हुआ करती थी। इनमें जयपुर, भोपाल, अलवर, बीकानेर और हैदराबाद मुख्य थीं। आजादी के बाद भी पोलो भारत में खेला जाता रहा। 1957 में भारतीय पोलो टीम ने फ्रांस में वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब भी अपने नाम किया था। और साल 2013 में माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया को खरीदा था। नोकिया भारत में घर-घर में जाना पहचाना नाम रहा। अपने कीपैड फोन की ब्रॉड रेन्ज की वजह से नोकिया के सामने कोई भी दूसरी कंपनी भारत में टिक नहीं सकी।
नोकिया का इतिहास डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुराना है। 1865 में फ्रेडरिक इडेस्टैम ने फिनलैंड में नोकिया कॉर्पोरेशन की शुरुआत बतौर एक पेपर मिल कंपनी से की थी। हालांकि उस वक्त कंपनी को नोकिया नाम नहीं मिला था। कुछ सालों बाद कंपनी ने अपनी दूसरी ब्रांच नोकियानवेरता नदी के पास खोली। माना जाता है कि नदी के नाम की वजह से ही नोकिया को नोकिया नाम मिला। शुरुआत में कंपनी पेपर, रबर और केबल्स का कारोबार करती थी।
1871 में फ्रेडरिक इडेस्टैम ने अपने दोस्त लियो मैकलीन के साथ मिलकर एक शेयर्ड कंपनी बनाई जिसे नोकिया एबी नाम दिया गया। 1896 में इडेस्टैम रिटायर हो गए और कंपनी का पूरा कारोबार मैकलीन के जिम्मे आ गया। कंपनी ने धीरे-धीरे अपना बिजनेस दूसरे सेक्टर में भी फैलाना शुरू किया। 1902 में कंपनी ने इलेक्ट्रिसिटी जनरेशन में कदम रखा। कुछ साल बाद ही विश्वयुद्ध शुरू हो गया और कंपनी दिवालिया हो गई। इस कंपनी का अधिग्रहण फिनिक्स रबर कंपनी ने कर लिया। कंपनी स्वतंत्र तौर पर व्यापार करती रही, लेकिन 1967 में इन सारी कंपनियों को मिलाकर नोकिया कॉर्पोरेशन नाम दिया गया।
इसी दशक में नोकिया ने मिलिट्री और आम जनता के लिए मोबाइल रेडियो टेलीफोन के प्रोडक्शन में कदम रखा। 1987 में नोकिया ने दुनिया का पहला हैंडहेल्ड मोबाइल फोन लॉन्च किया। 5 हजार 456 डॉलर कीमत का ये फोन खूब बिका। 1988 में कंपनी के चेयरमैन कारी कायरोमो ने सुसाइड कर लिया। नए चेयरमैन ने डिसाइड किया कि कंपनी अपने सारे व्यापार बंद कर केवल टेलीकम्युनिकेशन मार्केट पर ही फोकस करेगी। 1991 में फिनलैंड के प्रधानमंत्री ने नोकिया के फोन से दुनिया की पहली जीएसएम कॉल की। अगले ही साल नोकिया-1011 मॉडल लान्च किया गया। कुछ ही सालों में नोकिया ने अपनी 2100 सीरीज लॉन्च की। इस सीरीज की बिक्री कंपनी की उम्मीदों से कहीं ज्यादा हुई। 1998 तक नोकिया दुनिया की टॉप टेलीकम्युनिकेशन कंपनी बन गई। अगले एक दशक तक कंपनी टेलीकम्युनिकेशन मार्केट की बादशाह बनी रही। 2007 में नोकिया के पास कुल टेलीकम्युनिकेशन मार्केट की 49 फीसदी हिस्सेदारी थी।
2007 के बाद से ही नोकिया के बुरे दिन शुरू हो गए। कंपनी ने आईओएस और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के बजाय सिम्बियन को ही इस्तेमाल किया। ये नोकिया की सेल में गिरावट की एक बड़ी वजह बनी। कंपनी ने मार्केट में दोबारा लौटने की खासी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुई। नतीजा ये हुआ कि 03 सितंबर 2013 को माइक्रोसॉफ्ट ने 7.2 अरब डॉलर में नोकिया को खरीद लिया। इस सौदे के साथ ही नोकिया के प्रमुख स्टीफन ईलॉप समेत नोकिया का 32,000 लोगों का स्टाफ माइक्रोसॉफ्ट का स्टाफ बन गया।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र (key events)
1689ः रूस में दाढ़ी पर कर वसूलने की शुरूआत हुई।
1709ः स्विस के पहला मेजर समूह जर्मन उपनिवेशों तक पहुंचा।
1731ः विलियम केएच फ्रिसो को फ्रिसलैंड का वायसराय बनाया गया।
1767 : कर्नल स्मिथ की सेना ने चंगमा की लड़ाई में निजाम और हैदर अली की संयुक्त सेना को हराया।
1812ः इंग्लैंड के लंदन शहर में डब्बों में खाना भरने वाला संसार का पहला कारखाना खुला।
1833 : अमेरिका में बेंजामिन एचडे ने पहला अखबार ‘न्यूयार्क सन’ शुरू किया।
1943 : दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मित्र राष्ट्रों ने इटली पर हमला किया।
1950 : एमीलियो नीनो फरिना पहले एफ1 वर्ल्ड चैपिंयन बने।
1971 : कतर स्वतंत्र राष्ट्र बना।
1984 : दक्षिण फिलीपीन में भयानक तूफान में तकरीबन 1300 लोगों की मौत।
1998 : नेल्सन मंडेला ने गुट निरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन में कश्मीर का मुद्दा उठाया, प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कड़ी आपत्ति जताई।
2003 : पाकिस्तान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने का फैसला किया।
2006 : भारतीय मूल के भरत जगदेव ने गुयाना के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
2007 : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया और उनके पुत्र अराफात रहमान भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार।
2007 : चीन के झिंगजियांग प्रान्त में चीनी और जर्मन विशेषज्ञों ने लगभग 16 करोड़ साल पुराने एक जीव के 17 दांत खोजने का दावा किया।
2008 : राजेन्द्र कुमार पचौरी संयुक्त राष्ट्र की संस्था जलवायु परिवर्तन के अन्तर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) के दोबारा प्रमुख चुने गए।
2013ः माइक्रोसॉफ्ट ने 7.2 अरब में नोकिया को खरीदा।
2014: भारत और पाकिस्तान में एक साथ आई बाढ़ में 200 से ज्यादा लोगों की मौत।
2015: ऑस्ट्रेलिया में क्रिस नाम की एक भेड़ से 40 किलोग्राम ऊन निकाला गया। यह वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
2020: भारत और रूस ने एके-203 रायफल भारत में बनाने के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया।
जन्म
1617ः नूरजहां की पुत्री रोशन आरा बेगम ( मुमताज महल)।
1905ः भारत के स्वतंत्रता सेनानी, प्रमुख राजनीतिज्ञ और पत्रकार कमलापति त्रिपाठी।
1906ः भारत के मशहूर फिल्म अभिनेता पृथ्वीराज कपूर।
1923ः सुप्रसिद्ध तबला वादक किशन महाराज ।
1926ः भारतीय अभिनेता उत्तम कुमार।
1957ः विश्व प्रसिद्ध रहस्यवादी और भारतीय मूल के योगी जग्गी वासुदेव।
1940ः हिंदी सिनेमा की प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल में से एक प्यारेलाल ।
1974ः भारतीय क्रिकेटर राहुल साघवी।
11971ः भारतीय मूल की अंग्रेजी उपन्यासकार किरण देसाई।
1992ः भारत की प्रसिद्ध महिला पहलवान साक्षी मलिक।
निधन
2010ः ग्रेट ब्रिटेन के संगीतकार माइक एडवर्ड्स।
2012ः अमेरिकन अभिनेता माइकल क्लार्क डंकन।
दिवस
गगनचुंबी दिवस
हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद
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