मुकुल लाल इल्तिजा को मिलेगा 2022 का ''दिनकर जनपदीय सम्मान'' - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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बुधवार, 7 सितंबर 2022

मुकुल लाल इल्तिजा को मिलेगा 2022 का ''दिनकर जनपदीय सम्मान''


बेगूसराय, 07 सितम्बर (हि.स.)। घूंघट प्रथा को तोड़कर साहित्य में अपनी पहचान बनाने वाली मुकुल लाल इल्तिजा को 2022 का ''दिनकर जनपदीय सम्मान'' दिया जाएगा। दिनकर जयंती समारोह समिति द्वारा 23 सितम्बर को आयोजित दिनकर जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष दिए जाने वाले जनपदीय सम्मान के लिए मुकुल लाल को नामित किए जाने से साहित्य, कला और सामाजिक सेवा से जुड़े लोगों में खुशी व्याप्त है तथा बड़ी संख्या में लोग बधाई दे रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 1947 में देश जब ब्रिटिश दासता से मुक्त होने के लिए गहरी अंगड़ाई ले चुका था। उसी वर्ष 15 जनवरी को भोजपुर के डुमरांव में आरक्षी उपाधीक्षक सिंहवाहिनी प्रसाद के पुत्री के रूप में जन्म लेकर प्रगतिशील माहौल में पलने बढ़ने वाली मुकुल ने सोचा भी नहीं था कि उनकी शादी पर्दा प्रथा वाले माहौल में होगी। दिनकर जयंती समारोह समिति के सचिव अग्निशेखर ने बताया कि दयानंद कन्या विद्यालय मीठापुर पटना से मैट्रिक के बाद पटना विश्वविद्यालय से अंतर स्नातक करने के दौरान एनसीसी में नामांकन कराया। इसी बीच 1965 में इनकी शादी बेगूसराय जिला के बनहारा निवासी अवधेश लाल से हो गई।

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेघा पाटेकर को अपना आदर्श मानने वाली मुकुल ने शादी के बाद मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के साथ अपनी पहचान के लिए लगातार संघर्ष किया। पुरुष प्रधान समाज में आमतौर पर महिलाओं के लिए मुक्कमल पहचान बनाना आसान नहीं होता है। महिलाएं अक्सर पिता, पति या पुत्र की पहचान के साथ ही जिंदगी बीता देती हैं। लेकिन, मुकुल लाल ने इल्तिजा उपनाम के साथ घूंघट प्रथा को तोड़ जिले में अपनी मुक्कमल पहचान बनाई। साहित्य के क्षेत्र में उनका नाम जिले में श्रद्धा से लिया जाता है।

बचपन से ही कविता लिखने का शौक रखने वाली मुकुल लाल को कविता लेखन ने वह मुकाम दिया, जिसके लिए लोग आम तौर पर संघर्ष करते रहते हैं। कविता, दोहा, मुकरी, गजल सहित अन्य विधाओं में लेखन कार्य एवं सामाजिक गतिविधि में सक्रिय मुकुल लाल इल्तिजा लिखित तीन पुस्तकें श्रम लोक, गजल संग्रह बारूद पर घर एवं चुप है किरणें धूप की दोहा संग्रह अब तक प्रकाशित हुई है। भारतीय ज्ञान विज्ञान समिति, साक्षरता अभियान, साइंस फॉर सोशियो इकोनामिक डेवलपमेंट जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर जिला एवं राज्य स्तर पर सामाजिक उन्नयन को लेकर सक्रियता के कारण साहित्य जगत और समाज उन्हें जो सम्मान दे रहा है, उसी का प्रतिफल है राष्ट्रकवि दिनकर के नाम पर दिया जाने वाला दिनकर जनपदीय सम्मान।

प्रगतिशील लेखक संघ बेगूसराय में जिला उपाध्यक्ष एवं बिहार राज्य कार्यकारिणी सदस्य मुकुल लाल को साहित्य क्षेत्र में 2010 में दिनकर काव्य रत्न सम्मान, 2013 में सबुजा साहित्य सम्मान, 2015 में जिला साहित्य अकादमी द्वारा सम्मान, जिला प्रशासन द्वारा साहित्य क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए तत्कालीन डीएम सीमा त्रिपाठी द्वारा 2015 में स्वतंत्रता दिवस पर सम्मान, 2017 में खगड़िया साहित्य परिषद परिषद द्वारा सम्मान, 2018 में प्रभात खबर द्वारा अपराजिता सम्मान, 2018 में प्रलेस द्वारा सम्मान तथा 2019 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर नगर निगम द्वारा नौ देवी सम्मान दिया जा चुका है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र

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