हत्या -रंगदारी के लिए कुख्यात अजय सिंह उर्फ विजय ने चंदौली में किया सरेंडर, वाराणसी में की थी डॉक्टर की हत्या - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शनिवार, 3 सितंबर 2022

हत्या -रंगदारी के लिए कुख्यात अजय सिंह उर्फ विजय ने चंदौली में किया सरेंडर, वाराणसी में की थी डॉक्टर की हत्या


वाराणसी। कुख्यात बदमाश और डॉक्टरों से रंगदारी वसूलने के आरोपों जेल जा चुका अजय सिंह उर्फ़ विजय ने चंदौली में सरेंडर कर दिया। उसने शुक्रवार को गुपचुप तरीके से चंदौली गैंगेस्टर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस को इस बात की जरा भी भनक नहीं लग सकी। हाल ही में लखनऊ में हुई TTE की हत्या में उसके विरुद्ध गैर जमानती वारंट इश्यू हुआ था। फिलहाल उसे वाराणसी के चौकाघाट जेल में रखा गया है, जहां से रिमांड पर ले जाने की लखनऊ पुलिस तैयारी कर रही है।

सरकारी डॉक्टर की हत्या कर हुआ कुख्यात

रंगदारी और हत्या के लिए कुख्यात अजय सिंह के सरेंडर करने के बाद पूरे प्रदेश में हलचल मची हुई है। बता दें कि वाराणसी, गाजीपुर और चंदौली में उसके विरुद्ध 25 से अधिक मामले दर्ज हैं। उसका नाम पूर्वांचल में सबसे पहले वाराणसी के सरकारी डॉक्टर डीपी सिंह की ह्त्या में आया था। 13 सितम्बर 2007 को उनकी पांडेयपुर इलाके में गोली मारकर ह्त्या कर दी गयी थी। इसके लिए उसे सुपारी दी गयी थी जिसमें डाक्टर की पत्नी और 6 अन्य को पुलिस ने जेल भेजा था। इस ह्त्या के बाद से ही वाराणसी के डॉक्टरों, व्यापारियों और ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने, हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण के लिए अजय सिंह कुख्यात होता चला गया। दिसंबर, 2012 में गाजीपुर के सैदपुर में अजय सिंह ने सराफा कारोबारी भाइयों की हत्या कर लूट की बड़ी वारदात को अंजाम दिया था।

9MM की पिस्टल के साथ 2013 में हुआ था गिरफ्तार

3 अप्रैल 2013 को वाराणसी की कैंट थाने की पुलिस ने अजय सिंह उर्फ विजय को गिरफ्तार किया था। उस समय उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। अजय सिंह के पास से तब 9MM की एक पिस्टल और सात कारतूस बरामद हुए थे। पूछताछ में अजय सिंह ने बताया था कि वह एक डॉक्टर से रंगदारी वसूलने के लिए आया था।

जमानत पर छूटने के बाद नहीं पकड़ पाई पुलिस

अजय सिंह ने पुलिस के सामने स्वीकार किया था कि वाराणसी और बांदा जेल में बंद रहने के दौरान उसने अपना एक अलग गिरोह बनाया है। उसके गिरोह में अच्छे शूटरों के साथ ही तकनीक के जानकार बदमाश भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, 2013 में गिरफ्तार होने के बाद अजय सिंह उर्फ विजय जमानत पर छूटा तो फिर वह कभी गिरफ्तार नहीं हुआ।

जाएगा लखनऊ, वाराणसी पुलिस अलर्ट

अजय सिंह उर्फ विजय को अदालत की अनुमति से लखनऊ पुलिस पूछताछ के लिए अपने साथ ले जाने की तैयारियों में जुट गई है। वहीं, चंदौली में अजय सिंह के सरेंडर करने की वजह से वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस भी अलर्ट मोड में है। चंदौली में अजय के सरेंडर करने के पीछे पुलिस उसकी सोची-समझी चाल मान रही है। आशंका जताई जा रही है कि कहीं अजय सिंह उर्फ विजय रंगदारी वसूलने वाले अपने गिरोह को फिर से एक्टिव तो नहीं कर रहा है।

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