Teacher's Day : 900 से अधिक बच्चों के बाऊजी हैं काशी के ये अनोखे शिक्षक, कर देते हैं अपनी पूरी सैलेरी दान - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

सोमवार, 5 सितंबर 2022

Teacher's Day : 900 से अधिक बच्चों के बाऊजी हैं काशी के ये अनोखे शिक्षक, कर देते हैं अपनी पूरी सैलेरी दान


वाराणसी। प्राचीन नगरी काशी विद्वानों, आचार्यों, संतों और त्यागियों से भरी पड़ी है। काशी के इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर डॉ राजीव श्रीवास्तव ने कूड़ा बीनने वाले एवं वंचित मुसहर समाज के बच्चों को शिक्षित एवं संस्कारित कर उनके जीवन को बदलने में 35 वर्षों से अनवरत लगे हैं। 900 से अधिक बच्चों को एक अभिभावक की तरह पालन-पोषण कर शिक्षित कर चुके हैं। आज उन्हें ये सभी बच्चे गुरूजी की जगह बाउजी कहकर ही सम्बोधित करते हैं।


बता दें कि उन्होंने स्टेशन पर बच्चों को पढ़ाने के लिए 1988 में विशाल भारत संस्थान की स्थापना की। बच्चों को शिक्षा के साथ राष्ट्रभक्ति का संस्कार देने के लिए सुभाष भवन एवं सुभाष मन्दिर की स्थापना की जहाँ बच्चों की आवश्यकताएं पूरी होती है। वो अपना पूरा वेतन दान कर देते हैं। बेसहारा बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाये इसके लिए उन्होंने ने सन्यास ले लिया ताकि अपने निजी जीवन को सुख सुविधाओं से दूर रख सकें, इसलिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विद्यर्थी अपने गुरुजी के लिए कहते हैं- नेता दल बदलते हैं, डॉक्टर दिल बदलते हैं और डॉ राजीव जीवन बदलते हैं।


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में इतिहास के शिक्षक के रूप में इतने लोकप्रिय हैं कि उनके क्लास में अन्य विषयों के भी विद्यार्थी क्लास करते हैं। अपने विद्यार्थियों से एक अभिभावक की तरह व्यवहार करने वाले डॉ राजीव उनके प्रत्येक संकट में उनके साथ खड़े रहते हैं। कई ऐसे भी विद्यर्थी हैं जो बीएचयू में पढ़ने आये और गुरुजी के साथ ही रहने लगे। सन्यास लेने के बाद नाम से कम गुरुजी के सम्बोधन से ही पहचाने जाते हैं। बच्चों के लिए तो बाउजी ही हैं। गुरुकुल परम्परा में विश्वास रखने वाले गुरुजी हर धर्म और जाति के बच्चों के साथ भोजन करते हैं। सुभाष भवन सामुदायिक रहन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं। सुभाष भवन में हिन्दू मुस्लिम अनुसूचित समाज के लोग एक परिवार की तरह रहते हैं और एक ही भोजनालय में भोजन करते हैं। धर्म जाति का कोई भेद नहीं है, यही तो एक गुरु का काम है।

वंचित समाज में शिक्षा की अलख जगाने वाले डॉ राजीव 900 से अधिक बच्चों के अभिभावक हैं। बहुत बच्चे बड़े होकर राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़कर देश के लिए अपनी लघु योगदान दे रहे हैं। एक आदर्श शिक्षक के रुप में जीवन जीने वाले डॉ राजीव बताते हैं कि लोग एक दो बच्चों के पिता होंगे, मैं तो सैकड़ों बच्चों का पिता हूँ जो मुझे छोड़कर जाने वाला कैरियर नहीं बनाते बल्कि मेरे साथ रहने का उपक्रम करते हैं। मैं दुनियां का सबसे अधिक सौभाग्यशाली पिता और शिक्षक हूँ जिसके बच्चे और शिष्य राष्ट्रनिर्माण में लगे हैं। डॉ राजीव ने प्रसिद्ध समाज सुधारक एवं आध्यात्मिक गुरु इन्द्रेश कुमार से रामपंथ में दीक्षा ली और अनुसूचित समाज को दीक्षित कर पुजारी बनाने की योजना पर कार्य कर रहे हैं। शिक्षा का अर्थ ही समानता, बंधुत्व और प्रेम है। नफरत का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षा का अर्थ नहीं समझते।

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345