वाराणसी। जनपद में एक सितंबर से चल रहा मातृ वंदना सप्ताह इस बार उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। सात सितंबर तक चलने वाले इस सप्ताह के तहत हर दिन विविध आयोजन किए जा रहे हैं। यह कहना है मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संदीप चौधरी का। बता दें कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को देश के राज्यों/जिलों में लागू किया गया। इस मातृ वंदना योजना के तहत केंद्र द्वारा देश में इसका लाभ पात्र महिलाओं को प्रदान किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य देश की गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
डॉ संदीप ने कहा कि सप्ताह के दौरान सभी पात्र गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभ पहुंचाने पर जोर दिया जाए। जनसामान्य तक ज्यादा से ज्यादा योजना का प्रचार-प्रसार हो और स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा दिया जाए। इसके अलावा टीकाकरण के प्रति गर्भवती को विशेष तौर पर जागरूक किया जाए। हर पात्र लाभार्थी को अपना पंजीकरण अवश्य कराएं। उन्होंने बताया कि सप्ताह के दौरान गर्भवती को उचित आराम व पोषण की जरूरत के बारे में समझाएं। नियमित प्रसव पूर्व देखभाल की आवश्यकता बताएं। खासकर गर्भवती के पोषण का खास ख्याल रखा जाए। गर्भवती को यह भी बताया जाए कि संस्थागत प्रसव में ही मां-बच्चे की सुरक्षा निहित है और शिशु टीकाकरण बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
सीएमओ ने समस्त ग्रामीण व शहरी स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों के को निर्देशित किया गया कि सप्ताह के दौरान अपने अधीनस्थ बीपीएम, बीसीपीएम, कंप्यूटर ऑपरेटर, एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आशा संगिनी को निर्देश दें कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए पात्र लाभार्थियों के पंजीकरण कराने, दूसरे व तीसरे किश्त के भुगतान आदि के कार्य को समय से पूरा कर लिया जाए।
योजना के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ हरिश्चंद मौर्य ने कहा कि इस अभियान में स्वास्थ्य केन्द्रों पर कैंप के माध्यम से पंजीकरण का कार्य पूरा किया जा रहा है। लाभार्थियों को मौसमी फल, सब्जियों के सेवन के बारे में सलाह दी जा रही है। स्वास्थ्य एवं पोषण पर चर्चा करते हुये लाभार्थियों को जागरूक किया जा रहा है। इस सप्ताह के दौरान पहली बार गर्भधारण करने वाली सभी महिलाओं को पात्रता के आधार पर तीन किश्तों में पाँच हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। अभियान में जन जागरूकता के लिए कैंप और डोर टू डोर जानकारी हासिल की जाएगी।
जिला कार्यक्रम समन्वयक शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि जनवरी 2017 से शुरू हुई योजना से अब तक 84,599 महिलाओं को लाभ दिया गया। इसके तहत अब तक 33 करोड़ से अधिक रुपयों का भुगतान लाभार्थियों को किया जा चुका है। वहीं इस वित्तीय वर्ष में अब तक 5625 महिलाओं का पंजीकरण हुआ जिसके सापेक्ष करीब 3.18 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि योजना के सम्बंध में अधिक जानकारी या किसी भी समस्या के लिए टोल फ्री नम्बर 104 पर संपर्क किया जा सकता है।
तीन किश्तों में मिलते हैं पांच हजार रुपये
पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को तीन किश्तों में 5,000 रूपये दिये जाते हैं। इसके लिए पंजीकरण कराना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन होते ही लाभार्थी को 1,000 रूपये की पहली किश्त सीधे उसके खाते में जाती है। दूसरी किश्त 2,000 रूपये की प्रसव पूर्व पहली जांच होने पर और 2000 रूपये की तीसरी किश्त बच्चे के जन्म के बाद टीकाकरण का पहला चक्र पूरा होने के बाद दी जाती है। यह सभी भुगतान लाभार्थी के बैंक के खाते में सीधे किये जाते हैं।