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गुरुवार, 8 सितंबर 2022
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वाराणसी : अदालतों में अंग्रेजी में बहस या बोलने को प्राथमिकता देने की जरूरत नही -किरण रिजिजू
वाराणसी : अदालतों में अंग्रेजी में बहस या बोलने को प्राथमिकता देने की जरूरत नही -किरण रिजिजू
वाराणसी। भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने कहाकि लाखों महापुरूषों और आजादी के दिवानों के बलिदान से हमें आजादी मिली और हम आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहाकि जब से देश का काननू मंत्री बना सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के न्यायाधीशों व अधिवक्ताओं से मिलना होता है। उनसे बातचीत होती है। मैं उनसे हमेशा कहता हूं कि अदालतों में अंग्रेजी में बोलते हैं या बहस करते हैं तो उसे प्राथमिकता देने की कोई जरूरत नही है।
केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू गुरूवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में ‘जनजाति नायकों का योगदान‘ विषयक केन्द्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद से बोल रहे थे। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस संगोष्ठी में उन्होंने कहाकि आज हम देखें कि हम आजादी के बाद कहां पहुंचे हैं और देश को कहां ले जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि जिन लोगों को विशेष दर्जा मिल गया और उन्हें अंग्रेजी पढ़ने का मौका मिला या वह अंग्रेजी अधिक जानता है, इसका मतलब यह नही कि वह ज्ञानी हैं। भाषा तो ज्ञान का माध्यम है। ज्ञान किसी भी भाषा के जरिए हासिल हो सकता है। लेकिन देश में ऐसी सोच बनी या बना दी गई कि अंग्रेजी जाननेवाला ज्ञानी होता है। वह भाषा है और हर भाषा लोगों को जानना चाहिए। यह संवाद का बेहतर माध्यम है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में बैठे कुछ सीनियर वकील यही मानते हैं कि देश जिस रास्ते पर चलता है या चल रहा है उसे वही तय करते हैं। ऐसे लोगों को पता होना चाहिए कि देश की शुरूआत राजधानी से नही सीमाओं से होती है।
उन्होंने कहाकि दिल्ली के राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है। राजपथ का मतलब होता है राजा का पथ। अब यह कर्तव्य के पथ के नाम से जाना जाएगा। आजादी के अमृत काल का वक्त शुरू हो गया है। अगले साल 15 अगस्त तक मनाया जाएगा। वर्ष 2047 में शताब्दी वर्ष मनाएंगे। उन्होंने कहाकि आजादी की लड़ाई में हमारे आदिवासियों ने योगदान दिया है। देश भर के विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने आदिवासी समाज के देश की आजादी में दिए गए अमूल्य योगदान की चर्चा की। कहाकि आदिवासी हमारी मुख्य धारा हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. सुधीर कुमार जैन कुलपति, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय थे। कार्यक्रम का शुभारंभ महामना पंडित मदन मोहन मालवीयजी के प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। संगीत और मंच कला की छात्राओं ने कुलगीत की सुंदर प्रस्तुति दी। इसके बाद अतिथियों को अंगवस्त्रम पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कांग्रेस और राहुल देश तोड़ने का ही काम कर रहे हैं
संगोष्ठी के बाद स्वतंत्रता भवन से बाहर निकलते समय केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू से मीडिया ने बातचीत की। न्याय मंत्री से पूछा गया कि कांग्रेस भाजपा पर जाति व धर्म, सम्प्रदाय के नाम पर देश तोड़ने का आरोप लगा रही है। इस पर उन्होंने कहाकि कांग्रेस ने देश तोड़ने के अलावा कोई काम नही किया। राहुल गांधी की बात को ध्यान से सुनिए। हर प्रदेश को दूसरे प्रदेश से अलग करने की बात करते हैं। कभी भाषा को लेकर तो कभी धर्म को लेकर। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी देश तोड़ने का ही काम कर रहे हैं।
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