वाराणसी। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी के जिला जज की अदालत सोमवार को अपना निर्णय सुनाएगी। इसमें यह तय हो जाएगा कि यह केस अदालत में सुनवाई योग्य है अथवा नहीं। इसको लेकर प्रशासन हाईअलर्ट मूड में है। वाराणसी कमिश्नरेट एरिया में धारा 144 लगा दी गई है। कमिश्नर ए सतीश गणेश ने मातहत अधिकारियों को चप्पे-चप्पे की निगरानी के निर्देश दिए हैं। लोगों से शांति व भाईचारा कायम रखने की अपील की गई है।
जानिए क्या है केस
वादी हौजखास नई दिल्ली की राखी सिंह, वाराणसी के लक्सा सूरजकुंड की लक्ष्मी देवी, सरायगोवर्धन चेतगंज की सीता साहू, रामधर वाराणसी की मंजू व्यास और हनुमान फाठक की रेखा पाठक की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र में इतिहास और पुराणों का जिक्र करते हुए ज्ञानवापी परिसर में स्थित माता श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन का अधिकार मांगा गया है। प्रार्थना पत्र में महिलाओं ने पुराणों के साथ ही मंदिर के इतिहास से लेकर उसके संचरना तक का जिक्र किया है। मांग किया है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए और सुरक्षित रखा जाए। इसमें प्रतिवादी चीफ सेक्रट्ररी के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी वाराणसी, पुलिस कमिश्नर, ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट है।
भव्य मंदिर के अस्तित्व का दावा
प्रार्थना पत्र के अनुसार दशाश्वमेध घाट के पास आदिशेश्वर ज्योतिर्लिंग का एक भव्य मंदिर मौजूद था। इसे लाखों सालों पहले त्रेता युग में स्वयं भगवान शिव ने स्थापित किया था। दावा किया गया है कि यह ज्ञानवापी परिसर प्लाट संख्या 9130 पर स्थित है। पुराने मंदिर परिसर में माता श्रृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, नंदीजी, दृश्य और अदृश्य देवता हैं। आक्रमणकारियों ने 1193-94 से कई बार मंदिर को नुकसान पहुंचाया। हिंदुओं ने उसी स्थान पर मंदिर का निर्माण/पुनर्स्थापित किया। 1585 में जौनपुर के तत्कालीन राज्यपाल राजा टोडरमल ने अपने गुरु नारायण भट्ट के कहने पर उसी स्थान पर भगवान शिव का भव्य मंदिर बनवाया था। औरंगजेब ने 1669 ईस्वी में मंदिर को ध्वस्त करने का फरमान जारी किया था। भगवान आदि विशेश्वर के प्राचीन मंदिर को आंशिक रूप से तोड़ने के बाद, वहां 'ज्ञानवापी मस्जिद' नामक एक नया निर्माण किया गया था।
हिंदू पक्ष की मांग
हिंदू पक्ष ने मांग किया है कि ज्ञानवापी परिसर (आराजी संख्या 9130 ) में मौजूद मां श्रृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, नंदी जी और अन्य दृश्य और अदृश्य देवताओं के दैनिक दर्शन, पूजा, आरती, भोग का अधिकार वादियों को है। इसलिए उन्हें ऐसा करने में बाधा पहुंचाने वालों को रोका जाए। साथ ही उन्हें किसी तरह की क्षति पहुंचाने से रोका जाए। वहां सुरक्षा के लिए शासन व जिला प्रशासन को निर्देश दिया जाए।