मध्यप्रदेश-राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर टालने के लिए भाजपा काट सकती है कई विधायकों के टिकट - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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मंगलवार, 23 अक्तूबर 2018

मध्यप्रदेश-राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर टालने के लिए भाजपा काट सकती है कई विधायकों के टिकट

मध्यप्रदेश-राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर टालने के लिए भाजपा काट सकती है कई विधायकों के टिकट

शिवराज-वसुंधरा
शिवराज-वसुंधरा

राजस्थान और मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के आलोक में भारतीय जनता पार्टी सत्ता विरोधी लहर को टालने के लिए कई मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है। इन दोनों राज्यों में भाजपा ने 2013 में जबरदस्त जीत हासिल की थी लेकिन इस बार पार्टी को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के तीन मौजूदा विधायकों के भी टिकट पार्टी काट सकती है। प्रदेश में भाजपा ने अभी 13 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है। इसमें से चार सीट भाजपा के पास है। पार्टी ने छत्तीसगढ़ के 49 विधायकों में से 14 पर दोबारा भरोसा नहीं जताया है जिन्होंने पिछले चुनाव में जीत हासिल की थी।

राजस्थान में कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत देने वाले सर्वेक्षणों को पार्टी सूत्र ने अधिक तवज्जो नहीं दिया और स्वीकार किया कि शुjgआत में पार्टी में कुछ संवादहीनता की स्थिति थी लेकिन अब स्थिति बदल गई है। पार्टी के एक नेता ने दावा किया, हम तीनों राज्यों में फिर से सत्ता में आएंगे। 

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में कितने विधायकों को पार्टी टिकट नहीं देगी । संगठन से मिलने वाले फीडबैक और पार्टी की ओर से कराए जाने वाले स्वतंत्र आकलन के आधार पर यह निर्णय आधारित होगा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अलोकप्रिय विधायकों के टिकट काट कर उनके निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी कुछ हद तक मतदाताओं को शांत कर सकती है।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता बरकरार है और प्रदेश में शीर्ष पद के लिए मतदाताओं की वह पहली पसंद हैं । उन्होंने बताया, ऐसे परिदृश्य में सरकार का मुख्य चेहरा जब लोकप्रिय है, तो कुछ अलोकप्रिय विधायकों को दोबारा मैदान में नहीं उतारने सहित कुछ खास कदम उठा कर किसी भी कथित सत्ता विरोधी लहर को प्रभावी तौर पर खत्म किया जा सकता है।  

मध्य प्रदेश और राजस्थान के क्रमश: 230 और 200 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी ने 2013 के चुनाव में क्रमश: 165 और 163 सीटों पर जीत हासिल की थी।

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