Akhilesh-Maya की जोड़ी के सामने एक बड़ी चुनौती, यहां 'मोदी आंधी' में उड़ गए थे दोनों के लहराते परचम

विनर-रनर का फार्मूला चला तो सपा-बसपा गठबंधन के बाद बुंदेलखंड में दोनों को बराबरी की सीटें मिलेंगी। पिछले लोकसभा चुनाव (2014) में बुंदेलखंड की दो-दो सीटों पर सपा और बसपा के प्रत्याशी रनर (दूसरे नंबर) रहे थे। बुंदेलखंड को बसपा और सपा दोनों ही अपना गढ़ मानती है। करीब एक दशक की चुनावी तस्वीर ऐसी ही रही है। वर्ष 2014 के पूर्व यहां भाजपा की दाल नहीं गल पाई।