Mumbai: जातिवाद(Racism) खत्म करने के लिए शुरू हुआ ‘Proud India’ अभियान

बृहस्पतिवार को मुंबई के एक पांच सितारा होटल में आयोजित समारोह में मोहित ने कहा कि मैं पंजाब में पैदा हुआ, मेरी पढ़ाई वाराणसी में हुई और 2002 से मैं मुंबई में हूं। लेकिन, 35 साल की आयु में मुझे अपनी जाति को लेकर कई तरह के सवालों का सामना करना पड़ा। हालांकि अपनी जाति तय करना किसी के हाथ में नहीं होता। लेकिन, इस देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो जाति यानि उपनाम की कीमत चुका रहे हैं। मैं चाहता हूं कि हम सबका बस एक ही उपनाम हो ‘भारतीय’। इस अभियान के माध्यम से हम एक ऐसा समाज बनाना चाहते हैं, जिसमें कोई भी जाति न पूछे।
विदेशों में भी प्रांत-प्रांत में बंटे हैं भारतीय
मोहित ने कहा कि देश की छोड़िए, विदेशों में भी हम लोग दक्षिण भारतीय, उत्तर भारतीय, पंजाबी, महाराष्ट्रीयन में बंटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान की शुरुआत करते हुए मैंने सरकारी गजट के माध्यम से अपना नाम मोहित कंबोज से बदल कर ‘मोहित भारतीय’ कर लिया है। मतदाता सूची, पासपोर्ट सहित सभी सरकारी दस्तावेज में अपना नाम बदल लिया है। अब यह संगठन अपना सरनेम बदलकर ‘भारतीय’ करने वालों की मदद करेगा। इसके लिए जरूरी कानूनी मदद प्राउड भारतीय फाउंडेशन की तरफ से उपलब्ध कराई जाएगी।