India के लिए बुरी खबर, सन 2100 तक समाप्त हो सकते हैं पूर्वोत्तर(Northeast) के ग्लेशियर(Glacier) - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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सोमवार, 11 फ़रवरी 2019

India के लिए बुरी खबर, सन 2100 तक समाप्त हो सकते हैं पूर्वोत्तर(Northeast) के ग्लेशियर(Glacier)

India के लिए बुरी खबर, सन 2100 तक समाप्त हो सकते हैं पूर्वोत्तर(Northeast) के ग्लेशियर(Glacier)


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प्रतीकात्मक तस्वीर
दुनियाभर में ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। इस समस्या से आज के समय में दुनिया का हर देश डरा हुआ है। कहीं औसत से कई गुना अधिक ठंड होना तो कहीं औसत से कई गुना अधिक गर्मी होना, सब इसी के परिणाम हैं। अब 210 विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि इस सदी के अंत तक हिंदू कुश पर्वतों के एक तिहाई से भी अधिक ग्लेशियर पिघल जाएंगे। इस माउंटेन रेंज को एशिया का वाटर टावर भी कहा जाता है।

ये सब तब भी हो सकता है जब ग्लोबल वार्मिंग 1.50 सेल्सियस के साथ सबसे अच्छी स्थिति में हो। ये खोज भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को लेकर चिंता बढ़ाने वाली है। इस खोज में पता चला है कि पूर्वी हिमालय के ग्लेशियर पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे। अगर ग्लोबल वार्मिंग ऐसे ही अनियंत्रित रही तो करीब 95 फीसदी ग्लेशियर समाप्त हो जाएंगे। अच्छे परिदृश्य (1.50 सेल्सियस वार्मिंग) के बावजूद भी ये क्षेत्र साल 2100 के अंत तक अपने 64 फीसदी ग्लेशियर खो देगा। 

पूर्व खोएगा पर पश्चिम पाएगा

इस खोज में पता चला है कि जहां एक तरफ पूर्वी क्षेत्र के ग्लेशियर खत्म होंगे, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी हिमालय के ग्लेशियर (जम्मू और कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड) में बढ़ोतरी होगी। ऐसा अधिक बर्फबारी के कारण हो सकता है। 

क्या होगा प्रभाव?

  • ग्लेशियर पिघलना किसी भी तरह से ठीक नहीं माना जाता है। नदियों का बहाव इससे अधिक हो जाएगा। जिसके कारण प्राकृतिक आपदाएं आएंगी।
  • पानी की उपलब्धता में कमी आएगी, जिससे 2 अरब लोग प्रभावित होंगे।
  • ग्लेशियर पिघलने से झीलों को नुकसान होगा, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा।

हिंदू कुश पर्वत उत्तरी पाकिस्तान के विवादीत भाग से मध्य अफ्गानिस्तान तक विस्तृत एक 800 किमी चलने वाली पर्वत शृंखला है। इसका सबसे ऊंचा पहाड़ पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के चित्राल जिले में स्थित तिरिच मीर पर्वत है। हिंदू कुश का दूसरा सबसे ऊंचा पहाड़ नोशक पर्वत और तीसरा इस्तोर-ओ-नल है। इसे तीसरा पोल भी कहा जाता है, जिससे दो अरब लोगों को पानी उपलब्ध कराया जाता है।

पूर्वोत्तर के हिमालय पर हुई इस खोज का सामने आने भारत के लिए कोई अच्छी खबर नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय की तुलना में पूर्वी हिमालय के ग्लेशियर अधिक तेजी से सिकुड़ते जा रहे हैं। 

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