इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना कहें या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जन संपर्क रणनीति, लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा ने दस करोड़ से ज्यादा परिवारों तक सीधे पहुंचने के जिस अभियान `भारत के मन की बात,मोदी के साथ` का आगाज़ किया है, वह चुनावी महाभारत में पार्टी का ब्रह्मास्त्र बनेगा या नहीं इसका पता तो चुनावी नतीजों के बाद चलेगा, लेकिन अगर यह अभियान कामयाब हो गया जैसा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पूरा भरोसा है,तो लोकसभा चुनावों के बाद मोदी सरकार की वापसी की राह आसान हो सकती है।
अपने इस वृहद अभियान के जरिए भाजपा संकल्प पत्र के लिए सुझाव तो मांगेगी ही, लेकिन उसका असली मकसद देश के करोड़ों लोगों के मन में यह धारणा बिठानी है कि देश को किसी कमजोर और मजबूर गठबंधन सरकार की नहीं मजबूत और पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार को दोबारा मौका देने की जरूरत है। संकल्प पत्र के सुझाव मांगने के बहाने भाजपा का भारत के मन की बात मोदी के साथ अभियान उसके चुनावी जनसंपर्क का सबसे बड़ा हथियार है जिससे वह विपक्ष के महागठबंधन के चक्रव्यूह को भेदने की तैयारी में है।
अगर चुनावी भाषा और सियासी नजर से इस अभियान को आंका जाए तो भाजप का यह अब तक का सबसे बड़ा इवेंट मैनेजमेंट है। इस अभियान के शुभारंभ समारोह में खुद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया कि दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश में अब तक और आजादी के बाद भारत में पहली बार किसी राजनीतिक दल ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को तैयार करने के लिए पहली बार इतना व्यापक और सघन जनसंपर्क अभियान शुरु किया है।इस अभियान के प्रमुख शिल्पी अमित शाह ने उन पत्रकारों जिन्होंने यह कहा कि अगर चुनावों के बाद मोदी सरकार वापस आई कहकर सवाल पूछे तो शाह ने उन्हें टोकते हुए कहा कि ये अगर हटा दीजिए। हमारी सरकार जरूर वापस आएगी।
अमित शाह का यह भरोसा यूं ही नहीं है। भारत के मन की बात मोदी के साथ अभियान की व्यापकता इसी से समझी जा सकती है कि भाजपा अपना चुनाव घोषणा पत्र जिसे पार्टी ने संकल्प पत्र का नाम दिया है, तैयार करने के लिए पूरे देश में हर वर्ग हर क्षेत्र हर समुदाय हर उम्र के लोगों की राय ली जाएगी। इसके लिए भाजपा ने 7500 सुझाव पेटिकाएं देश के प्रमुख हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और दूसरे सार्वजनिक स्थलों पर रखी जाएंगी जिनमें लोग अपने सुझाव लिखकर डाल सकें। तीन सौ हाई टेक एलईडी रथ जिन्हें आज झंडी दिखाकर रवाना किया गया, देश भर में घूमेंगे और लोगों को मोदी सरकार की पिछले पांच साल की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए उनसे सुझाव मांगे जाएंगे कि वह अगले पांच साल में भाजपा सरकार बनने पर क्या क्या अपेक्षाएं हैं।इसके अलावा ईमेल, फोन नं.6357171717 पर मिस्ड कॉल, वेबसाइट भारत के मन की बात,फेसबुक,ट्विटर, व्हाट्सएप,सुझाव पत्र के जरिए लोगों से संकल्प पत्र के लिए सुझाव मांगे जाएंगे। इसके लिए 12 श्रेंणियां बनाई गई हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संयोजक बनाकर इन क्षेत्रों पर सुझाव एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गई है। इन सुझावों को जमा करने और उनका सार निकालने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संकल्प पत्र तैयारी समिति इन पर विचार करके पार्टी का संकल्प पत्र तैयार करेगी।
भाजपा ने दस करोड़ परिवारों तक इस अभियान के जरिए पहुंचने का जो लक्ष्य रखा है, उसके लिए पार्टी के दस करोड़ से ज्यादा सदस्यों के देशव्यापी तंत्र का इस्तेमाल किया जाएगा। दस करोड़ परिवारों का मतलब करीब 50 करोड़ लोगों तक सीधे पहुंचना।अमित शाह और उनके रणनीतिक सिपहसालारों को पूरा भरोसा है कि इस वृहद अभियान के जरिए भाजपा न सिर्फ मोदी सरकार के पांच साल के कामकाज की उपलब्धियां देश की जनता तक सफलता पूर्वक पहुंचा सकेगी, बल्कि उन्हें यह समझाने में भी कामयाब होगी कि देश में 2014 से पहले पिछले तीस साल में जितनी भी सरकारें आईं वह गठबंधन की सरकारें थीं और उन्होंने देश को करीब तीस वर्ष पीछे धकेल दिया।
अब बमुश्किल देश के आर्थिक सामाजिक और कूटनीतिक विकास की गाड़ी पटरी पर आई है और अगर फिर गठबंधन सरकार बन गई तो देश वापस 2014 से पहले की स्थिति में पहुंच जाएगी। भाजपा नेतृत्व को भरोसा है कि अगर यह बात लोगों के दिमाग में उतार दी गई और लोगों को यह समझा दिया गया कि अकेले नरेंद्र मोदी ही एसे नेता हैं जिन्हें देश और जनता के भविष्य की चिंता है जबकि बाकी सारे विपक्षी नेता सिर्फ सत्ता के लिए मोदी सरकार को हटाना चाहते हैं,तो 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को 2014 से भी ज्यादा बड़ा बहुमत मिल सकता है।
अभियान के शुभारंभ में अपने संबोधन में भाजपा अध्यक्ष ने यह बात कही कि यह अभियान भाजपा का नहीं देश की जनता का अभियान है और नए भारत के निर्माण का प्रयास है। यह लोकतंत्र का उत्सव है।