'Mamata के बाद एक्शन में सरकार', पश्चिम Bengal के राज्यपाल की रिपोर्ट पर हो सकती बड़ी कार्रवाई

सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों की 150 से ज्यादा कंपनियों को अलर्ट कर दिया है। हो सकता है कि उनमें से कई कंपनियां आज रात पश्चिम बंगाल पहुंच जाएं। ख़ुफ़िया एजेंसी का अलर्ट भी केंद्र सरकार को सतर्क करने वाला मिला है। ऐसी संभावना है कि केंद्र सरकार के किसी सख़्त क़दम से राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती है।
बता दें कि आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच चल रहे विवाद में सीबीआई पर महासंकट आने के संकेत मिलने लगे थे। देश की सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय जांच एजेंसी कही जाने वाली सीबीआई की विश्वसनीयता एवं साख पर जिस तेजी से सवाल खड़े हो रहे थे, उसके चलते कई राज्यों ने अपने यहां इस एजेंसी पर बैन लगा दिया।
सबसे पहले पिछले साल अक्तूबर माह में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने राज्य में सीबीआई को छापा मारने या किसी मामले की जांच करने की सामान्य सहमति वापस ले ली थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बैनर्जी ने भी यह कहते हुए कि सीबीआई का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है, जांच एजेंसी की गतिविधियों पर बैन लगा दिया।
दो माह पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अधिकारिक तौर पर सीबीआई को अपने राज्य में जांच करने और छापा मारने के लिये दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली है। इससे पहले राज्य सरकार ने 2001 में यह सामान्य सहमति केंद्रीय जांच एजेंसी को दी थी।
यह सहमति वापस होने के बाद अब सीबीआई को यदि छत्तीसगढ़ में अदालत के आदेश पर कोई छापा मारना होगा तो उससे पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा जांच एजेंसी उस राज्य में तैनात केंद्र सरकार के किसी अधिकारी के खिलाफ कोई जांच शुरु करनी है या रेड डालनी है तो भी राज्य सरकार से मंजूरी लेनी पड़ेगी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने एक बयान में कहा था, सीबीआई में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।केंद्र सरकार ने जिस तरीके से इस जांच एजेंसी का इस्तेमाल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया है, उससे लोगों का भरोसा सीबीआई से उठ गया है।
विपक्षी दलों के नेताओं ने सीबीआई को लेकर क्या कहा
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का कहना था कि सीबीआई एक स्वतंत्र जांच एजेंसी नहीं है।इसे जो ऊपर से कहा जाता है, यह करती है।इसका राजनीतिक तौर पर दुरुपयोग हो रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने भी इस एजेंसी के कामकाज पर सवाल उठाए थे।उनके मुताबिक, सीबीआई के जरिए केंद्र सरकार विपक्षी दलों की सरकारों के साथ अपनी राजनीतिक खुन्नस निकालती है। यही वजह रही कि उन्होंने अपने राज्य में भी सीबीआई को दी गई सामान्य रजामंदी वापस ले ली थी।
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा, बड़ा सवाल यह है कि सीबीआई में जो कुछ चल रहा है कि उसकी जांच कौन करेगा। यह जांच एजेंसी केंद्र सरकार का खिलौना बन कर गई है। जो कोई पार्टी या राज्य सरकार, भाजपा की बात नहीं मानते तो उनके पीछे सीबीआई को लगा दिया जाता है।
कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी का कहना था कि सीबीआई जब स्वतंत्र नहीं है तो फिर राज्य इसे अपने यहां क्यों आने देंगे।अभी तीन राज्यों ने सीबीआई को दी सामान्य रजामंदी वापस ली है। अगर यही हालात रहे तो आगे कई अन्य राज्य भी ऐसा कदम उठा सकते हैं। यह ग़लत भी नहीं है। जब राज्यों को लगे कि जांच एजेंसी निष्पक्ष तरीक़े से काम कर रही है, तो सभी राज्य उसका सम्मान करेंगे।