Afzal Guru पर आतिशी बोलीं, मां-बाप की Rajneeti के लिए मैं जिम्मेदार नहीं

(हंसते हुए) फिलहाल तो आतिशी ही कहिए। देखिये, मेरे सरनेम पर विवाद खड़ा करने वालों के पास मेरे खिलाफ कहने के लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए अब वे इन्हीं बातों को लेकर विवाद खड़ा कर रहे हैं। कानूनन मेरे सर्टिफिकेट्स में मेरा नाम आतिशी मार्लेना है, यह भी सच है कि एक राजपूत परिवार में पैदा हुई हूं, लेकिन स्वयं को मैं सिर्फ आतिशी ही कहना-लिखना पसंद करती हूं। हमारी पार्टी में आशुतोष जी थे। उनका नाम आशुतोष गुप्ता था, लेकिन वे हमेशा अपना नाम आशुतोष ही लिखते रहे। इससे अलग इस राजनीति में कुछ भी नहीं है।
लेकिन आपको यहूदी बताया जा रहा है। और एक वर्ग विशेष से आपको वोट न देने की अपील की जा रही है। इस पर आप क्या कहेंगी?
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सिर्फ वोटों के लिए कुछ भी कहने की यह राजनीति देश को बहुत नुकसान पहुंचा चुकी है। मेरी पार्टी जाति-धर्म की राजनीति में भरोसा नहीं करती। मुझे अपनी जनता पर ज्यादा भरोसा है।
भाजपा ने अपने आधिकारिक पेज पर एक पोस्ट किया है कि आपके माता-पिता ने आतंकी अफजल गुरु की रिहाई के लिए एक अभियान चलाया था। इस पर आपकी राय क्या है?
देखिए, मां-बाप के किसी राजनैतिक कदम के बारे में मैं जिम्मेदार नहीं हूं। उसकी जिम्मेदारी और जवाबदेही उनकी है और वे अपनी बात कहने के लिए पूरी तरह सक्षम भी हैं। मैं अपनी बात कह सकती हूं कि मैं उस कदम के समर्थन में नहीं थी।
आपका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें आप यह कहते हुए देखी जा रही हैं कि भाजपा को वोट न देना, चाहे किसी गुंडे को वोट दे देना। ऑक्सफोर्ड एजूकेटेड उम्मीदवार से क्या अब यही उम्मीद की जाए?
बात को पूरे संदर्भ में देखिये। इस समय देश में दो सबसे बड़े 'गुंडे' हैं। उनसे देश को बचाना बेहद जरुरी है। इसके लिए किसी भी ऐसे उम्मीदवार को वोट देने को मैं ठीक कह रही हूं जो भाजपा को हरा सके। इसका कोई गलत मतलब न निकालिए।
भाजपा के एक नेता ने कहा है कि इस लोकसभा चुनाव में उनका मुकाबला कांग्रेस से है। इस पर आप की क्या प्रतिक्रिया है?
इसका सीधा मतलब है कि वे आप से डर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल जी हमेशा कहते हैं कि भाजपा और कांग्रेस एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। देख लीजिए, एक भाई दूसरे को बचाने की कोशिश करने लगा है। कांग्रेस की सातों सीटों पर जमानत जब्त होने वाली है।
अंतिम सवाल, पूर्वी दिल्ली सीट पर आपके सामने क्रिकेटर गौतम गंभीर और कांग्रेस के स्थानीय धुरंधर अरविंदर सिंह लवली हैं। किसे बड़ी चुनौती मानती हैं?
गौतम गंभीर को तो अब उम्मीदवार ही नहीं मानिये। आज नहीं तो कल, दो वोटर आईडी रखने के कारण उनकी उम्मीदवारी जानी तय है। आप कानून से ऊपर नहीं हो सकते। इसलिए जनता उन्हें वोट देकर अपना मत क्यों खराब करेगी। अरविंदर सिंह लवली कभी कांग्रेस में रहते हैं तो कभी भाजपा में जाते हैं। जनता उनकी असलियत से परिचित है। ऐसे में जनता के सामने मैं एक सक्षम और मजबूत विकल्प हूं। अपने साधारण उम्मीदवारों के सहारे आप 2015 विधानसभा का इतिहास दुहराएगी।