India की Population 2010-19 के बीच हर साल 1.2 % बढ़ी

अल्प विकसित देशों में जनसंख्या में काफी वृद्धि हुई है। अफ्रीकी देशों में ये आंकड़ा हर साल 2.7 फीसदी रहा है। यूएनएफपीए को स्थापित हुए पचास साल हो गए हैं। इसकी स्थापना प्रजनन स्तर नीचे लाने के लिए देशों का समर्थन करने के उद्देश्य से हुई थी। ये अनुमान है कि 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में सबसे अधिक वृद्धि अफ्रीकी देशों और अधिक जनसंख्या वाले देशों जैसे भारत और नाइजीरिया में होगी।
भारत की 24 राज्यों में रहने वाली करीब आधी जनसंख्या में प्रति महिला 2.1 प्रजनन दर है। लेकिन माना जा रहा है कि ये अच्छा संकेत नहीं है। आने वाले समय में जनसंख्या में इजाफा ही होना है।
इस मामले पर यूएनएफपीए इंडिया के ऑफिसर इन चार्ज क्लॉस बैक का कहना है, भारत को बढ़ती उम्र की आबादी के लिए तैयार रहना होगा। यह सुनिश्चित करके की युवाओं को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य मिले और अर्थव्यवस्था विकसित हो।
भारत के पास अभी भी बाकी देशों से सीखने का समय है। सबसे गरीब 20 फीसदी घरों में गर्भनिरोधक और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे बड़ी आवश्यकता है। वहीं चीन जैसे देशों में जनसंख्या कम करने के लिए जो नीतियां अपनाई गई हैं, उनसे काफी सुधार हुआ है।
ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब 25 साल पहले जनसंख्या और विकास पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीपीडी) 1994 में हुआ था। इस सम्मेलन में 179 सरकारें जनसंख्या वृद्धि को संबोधित करने के लिए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के अधिकार-आधारित दृष्टिकोण पर सहमत हुई थीं। वहीं 1994 के बाद से मातृ मृत्यु दर में भी 40 फीसदी की गिरावट आई है।
आयु के आधार पर जनसंख्या
आपके लिए- भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। सरकार द्वारा कई कदम उठाए जाने के बाद भी इसमें अधिक सुधार नहीं हुआ है। भारत की जनसंख्या बढ़ने की दर चीन से भी अधिक है। जो इस वक्त दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है।