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शनिवार, 27 अप्रैल 2019

Varanashi से नहीं तो क्या Amethi से उपचुनाव जिता कर Priyanka को संसद भेजने की तैयारी में Congress!

Varanashi से नहीं तो क्या Amethi से उपचुनाव जिता कर Priyanka को संसद भेजने की तैयारी में Congress!


Priyanka Gandhi, Rahul gandhi, Sonia Gandhi
Priyanka Gandhi, Rahul gandhi, Sonia Gandhi 
तमाम अटकलों और सियासी चर्चाओं के बाद आखिरकार प्रियंका गांधी के वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनावी शंखनाद करने की संभावनाओं पर विराम लग गया। कांग्रेस ने भाजपा से विमुख होकर कांग्रेस का हाथ थामने वाले अपने पिछले उम्मीदवार अजय राय को एक बार फिर वाराणसी से टिकट दिया। अजय राय के नाम पर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की मुहर के बाद पीएम मोदी के दो दिवसीय वाराणसी दौरे से पहले ही सूची जारी कर दी गई। हुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा, पार्टी प्रवक्ता से लेकर कांग्रेस नेताओं ने पिछले कुछ दिनों से वाराणसी से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की संभावना को बरकरार रखा था। यहां तक कि प्रियंका गांधी ने खुद भी इस चर्चा को बल दिया था। ऐसे में अचानक से उनकी दावेदारी पर विराम लगने से सियासी गलियारे में कई सवाल उमड़-घुमड़ रहे हैं।
  • क्या कांग्रेस प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री जैसे मजबूत उम्मीदवार के खिलाफ योग्य नहीं देख पाई?
  • क्या कांग्रेस प्रियंका गांधी के पहले ही चुनाव में संभावित हार से डरी हुई है?
  • क्या राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया नहीं चाहते थे कि प्रियंका पहला चुनाव हारे?
  • क्या प्रियंका गांधी को किसी और सीट से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है?
  • प्रियंका गांधी को अमेठी या वायनाड में संभावित उपचुनाव से उतारने की तैयारी में है कांग्रेस?

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो, जिस तरह गुरुवार को पीएम मोदी के रोड शो में काशीवासी उमड़ पड़े और शुक्रवार को नामांकन में एनडीए ने शक्ति प्रदर्शन किया, ऐसे में प्रियंका गांधी के यहां से चुनाव न लड़ने का फैसला अब लिया जाता तो भाजपा को कांग्रेस पर हमलावर होने का एक और मौका मिल जाता। एनडीए के नेताओं को राहुल-प्रियंका को चिढ़ाने का एक और मुद्दा मिल जाता। 

वाराणसी में पीएम मोदी को चुनौती देना आसान नहीं
एक तरह से यह कहना भी गलत नहीं होगा कि दो दिन तक वाराणसी मोदीमय रहा। प्रतीकों के माहिर खिलाड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मेगा रोड शो से गंगा महाआरती तक और फिर बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधन से लेकर एनडीए के घटक दलों के दिग्गजों के साथ नामांकन दाखिल करने तक शक्ति प्रदर्शन कर दिखा दिया कि वाराणसी में उनसे मुकाबला करना है तो कांग्रेस या विपक्ष की अन्य पार्टियों को कड़ी मेहनत करनी होगी। 

अब एक बार फिर कांग्रेस में अंदरखाने से खबर है कि राहुल गांधी यदि अमेठी और वायनाड दोनों ही जगह से चुनाव जीतते हैं, तो वह अपनी परंपरागत सीट अमेठी छोड़ सकते हैं। ऐसे में यहां उपचुनाव की स्थिति बनेगी और प्रियंका गांधी को मैदान में उतारा जा सकता है। 

sonia and rahul
sonia and rahul
वाराणसी के लिए भाई राहुल और मां सोनिया ने नहीं भरी हामी

कुछ दिन पहले तक ऐसा माहौल बनाया गया कि प्रियंका गांधी वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनावी शंखनाद करेंगी। प्रियंका खुद भी कई बार कह चुकी थीं और राहुल गांधी ने भी कहा था कि कुछ भी हो सकता है। अंदाजा हमेशा गलत नहीं होता। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी भी पीएम मोदी के खिलाफ लड़ने को तैयार थीं, लेकिन राहुल गांधी और सोनिया गांधी नहीं चाहते थे कि पहले ही चुनाव में उन्हें हार का सामना करें।

पार्टी को एहसास था कि पहले ही चुनाव में नरेंद्र मोदी जैसे कद्दावर नेता से सामना करना आसान काम नहीं है। अगर प्रियंका यहां से हार जातीं तो उनका राजनीतिक करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाता। 

दूसरी ओर पार्टी के भीतरखाने से खबर यह भी आ रही है कि प्रियंका गांधी के वाराणसी से लड़ने का प्रस्ताव हमेशा परिवार के बीच ही रहा। कांग्रेस की स्क्रिनिंग कमिटी से लेकर केंद्रीय चुनाव समिति तक किसी भी स्तर पर प्रियंका का नाम सामने नहीं आया और वाराणसी से केवल अजय राय का नाम ही आगे बढ़ाया गया। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ गांधीनगर में प्रियंका गांधी(File Photo)
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ गांधीनगर में प्रियंका गांधी(File Photo) 
मां ने बेटे के लिए छोड़ी थी सीट, अब भाई बहन के लिए छोड़ेगा

अमेठी राहुल और प्रियंका गांधी के पिता दिवंगत राजीव गांधी की सीट रही है। साल 2004 में रायबरेली से चुनावी मैदान में उतरीं सोनिया गांधी इससे पहले तक अपने पति राजीव गांधी की सीट अमेठी से जीतती रहीं थी। बेटे राहुल के लिए उन्होंने 2004 में अमेठी छोड़ दी और रायबरेली को अपनी कर्मभूमि बनाया।  

अब जबकि राहुल गांधी ने अपनी दादी इंदिरा गांधी और अपनी मां सोनिया गांधी की तरह दक्षिण का रुख किया है, तो ऐसा संभव है कि वह केरल की वायनाड सीट से चुनाव जीतने की सूरत में अपनी परंपरागत सीट अमेठी छोड़ सकते हैं। और संभव है कि ऐसे में प्रियंका गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगी।

ऐसे में कांग्रेस परिवार की एक सीट भी बढ़ जाएगी और अमेठी सीट भी गांधी परिवार के पास रह जाएगी। इससे एक और लाभ यह होगा कि राहुल वायनाड से संसद पहुंच कर दक्षिण भारत को कांग्रेस के करीब लाने की संभावना को बल दे पाएंगे। 

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