मणिशंकर अय्यर, सैम पित्रोदा - फोटो : भारत राजनीती
माना जाता है कि 2014 चुनाव में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के एक बयान ने कांग्रेस का खेल पूरी तरह बिगाड़ दिया था। 2019 महासंग्राम के दौरान अब उसी तरह का एक बयान राहुल के सियासी गुरु कहे जाने वाले सैम पित्रोदा ने भी दे डाला है। भाजपा ने उनके बयान को मुद्दा बना लिया है और कांग्रेस बैकफुट पर है। सफाई पर सफाई का दौर चल रहा है। जब कांग्रेस नरेंद्र मोदी लहर से मुकाबला कर रही थी, उसी वक्त वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर के बयान ने मोदी और भाजपा को जबरदस्त फायदा पहुंचाया। एक तरफ मोदी अच्छे दिन और कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दे रहे थे, दूसरी तरफ उन्हें निशाना बनाकर किए गए हमले कांग्रेस को ही कमजोर कर रहे थे।
क्या कहा था मणिशंकर ने?
जनवरी 2014 में दिल्ली में कांग्रेस सम्मेलन में मणिशंकर अय्यर ने मोदी का मजाक उड़ाते हुए कहा था- मैं आपसे वादा करता हूं कि 21वीं सदी में नरेंद्र मोदी कभी भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। लेकिन अगर वो यहां चाय बेचना चाहते हैं तो हम उनके लिए एक जगह तलाश लेंगे।
तब अय्यर के इस बयान को भाजपा और मोदी ने जमकर भुनाया। मोदी की तरफ से सवाल उछाला गया कि क्या एक चायवाला देश का पीएम नहीं बन सकता। भाजपा ने इसी बहाने देशभर में चाय पर चर्चा कार्यक्रम चलाया जिसे खूब सुर्खियां मिली। कार्यक्रम भी खासा हिट रहा। बाद में सबकुछ इतिहास में दर्ज हो गया। भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला और मोदी प्रधानमंत्री बने।
गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान फिर मणिशंकर अय्यर ने यही गलती दोहराई। उन्होंने पीएम मोदी को नीच कह दिया। मोदी और भाजपा ने उनके बयान को फिर भुनाया। गुजरात में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनी। सियासी जानकारों के मुताबिक कांग्रेस को इससे नुकसान पहुंचा और भाजपा सरकार बनने में इस बयान का भी थोड़ा बहुत योगदान रहा।
पित्रोदा ने की अय्यर जैसी गलती
अब अय्यर जैसी गलती सैम पित्रोदा ने भी दोहरा दी है। कांग्रेस ओवरसीज के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के एक बयान ने हंगामा मचा दिया है। गुरुवार 9 मई को बातचीत के दौरान कह दिया-
अब क्या है 84 का? आपने (मोदी) क्या किया है पांच साल में, उसकी बात करिए। 84 में हुआ तो हुआ, आपने क्या किया? आपको रोजगार पैदा करने के लिए वोट दिया गया था, 200 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए वोट मिले थे, आपने वो भी नहीं किया।
पित्रोदा के इस बयान को तूल पकड़ते देर नहीं लगी। अगले ही दिन उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। भाजपा ने पीएम मोदी ने भी कांग्रेस और पित्रोदा पर पलटवार किया। उन्होंने कहा-
दिल्ली और देश भर में हजारों सिख मारे गए। उनकी दुकानें जला दी गईं। उनके घर फूंक दिए गए। दिल्ली से कई परिवारों को भागना पड़ा। अपना घर छोड़ना पड़ा। हर राज्य में सिखों को निशाना बनाया गया और नेतृत्व कांग्रेस ने किया। इस कत्लेआम पर कांग्रेस कह रही है, हुआ तो हुआ। कांग्रेस के लिए जीवन की कोई कीमत ही नहीं है।
इसे लेकर अरुण जेटली सहित भाजपा के बड़े नेताओं ने कांग्रेस और सैम पित्रोदा को निशाने पर लिया। कांग्रेस से पित्रोदा के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई। भाजपा की प्रेस कांफ्रेंस में सिख पीड़ितों को भी लाया गया और उस दौर की त्रासदी बयान की गई।
अब इसे लेकर कांग्रेस और सैम पित्रोदा दोनों सफाई दे रहे हैं। लेकिन तीर कमान से छूट चुका है। भाजपा ने मुद्दा लपकते हुए कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए हैं। पांच चरण का मतदान पूरा हो चुका है, दो चरण का बाकी है। 12 मई को दिल्ली और पंजाब में 19 मई को मतदान होना है। दोनों जगहों पर सिखों की आबादी काफी ज्यादा है। ऐसे में सैम पित्रोदा का बयान कांग्रेस को भारी पड़ जाए तो कोई हैरत नहीं होगी।