पित्रोदा कहते हैं कि 1984 में नरसंहार हुआ तो क्या हुआ। देश में इस तरह का बयान स्वीकार्य नहीं है। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के दूसरे नेताओं ने भी सैम पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। कांग्रेस पार्टी को यह समझते देर नहीं लगी कि सैम पित्रोदा का बयान हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में वोटों का खेल बिगाड़ सकता है। दिल्ली और हरियाणा में 12 मई को मतदान है।
पार्टी नेता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, अगर कोई भी व्यक्ति इस तरह का गलत और किसी समुदाय को दुख पहुंचाने वाला बयान देता है तो उसे पार्टी का बयान नहीं माना जाएगा। पित्रोदा द्वारा दिया गया बयान अपना व्यक्तिगत बयान हो सकता है, लेकिन कांग्रेस पार्टी उससे इत्तेफाक नहीं रखती। भविष्य में इस तरह का कोई बयान पार्टी की ओर से न आए, इसके लिए एक एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
खासतौर से वे लोग, जिन्हें कांग्रेस पार्टी की विचारधारा का कम अनुभव है या वे दूसरे दलों से आए हैं। सिख दंगों की कांग्रेस पार्टी कड़ी भर्त्सना करती है। दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी पहले भी प्रयास करती रही है और आगे भी जारी रखेगी। इसके दोषियों को सजा दिलाने के लिए भी पार्टी सदैव प्रयासरत रही है। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा मतभेद के जरिए मनभेद कराने की नहीं है। वह सभी धर्मों और वर्गों को एक साथ लेकर चलने वाली पार्टी है।