कैप्टन अमरिंदर सिंह, कमलनाथ (फाइल फोटो) - फोटो : Bharat rajneeti
कांग्रेस नेतृत्व की चिंता वर्तमान में एग्जिट पोल के रुझान और संभावित नतीजों से अधिक मध्यप्रदेश और पंजाब में बदले राजनीतिक माहौल पर है। एक ओर मध्यप्रदेश में उसे भाजपा से मिली खुली चुनौती का सामना करना है। वहीं पंजाब में पार्टी के भीतर दो कद्दावर नेताओं कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच छिड़ी जंग ने चिंता बढ़ाई है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने उन पांच नेताओं की कोर कमेटी में शामिल किया था, जो केंद्र में गैर भाजपा सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वालों में थे। अगर राज्य में विधानसभा सत्र बुलाने और बहुमत साबित करने की प्रक्रिया शुरू होती है तो कमलनाथ का फिलहाल दिल्ली आने और किसी नए समीकरण पर काम करना मुश्किल दिखता है। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी की मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ से बातचीत हुई है और फिलहाल उन्होंने नेतृत्व से किसी चिंता से इनकार किया है।
पंजाब में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहा शीतयुद्ध खुलकर सामने आने के बाद दोनों ओर से चल रही बयानबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व नई तरह की चिंता से घिर गया है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ गुरुदासपुर से पार्टी उम्मीदवार थे। चुनाव समाप्त होते ही पार्टी ने इस संबंध में उनसे बातचीत कर रिपोर्ट मांगी है। पंजाब कांग्रेस की प्रभारी आशा कुमारी के अनुसार पंजाब कांग्रेस में नेताओं के बीच कोई विवाद नहीं है, जो बातें मीडिया में आ रही हैं उसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी जाएगी।