ईवीएम की शिकायतों के लिए बनाया कंट्रोल रूम, आयोग ने फिर ठुकराई लवासा की मांग

सूत्रों का कहना है कि मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने माना कि आदर्श आचार संहिता से जुड़े मामले पूरी तरह से न्यायिक कार्यवाही नहीं हैं इसलिए इनमें असहमति या अल्पमत को अंतिम आदेश में शामिल नहीं किया जाएगा। केवल बहुमत का मत ही आदेश में प्रकाशित होगा।
उन्होंने कहा कि किसी सदस्य कि मतभिन्नता को मामले की सुनवाई के बाद अर्ध न्यायिक कार्यवाही में दर्ज किया जाता है। वहीं आदर्श आचार संहिता से जुड़े अल्पमत विचारों को केवल फाइलों में दर्ज किया जाता है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा, 'फाइलों की इन नोटिंग्स को लोग सूचना के अधिकार के तहत देख सकते हैं। चुनाव आयोग हमेशा से पारदर्शी रहा है और वह आगे भी पारदर्शी रहेगा।'
पिछले दिनों अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में मिली क्लिनचिट और विपक्षी नेताओं को भेजे नोटिस पर सवाल खड़े किए थे। उनका कहना था कि आचार संहिता से जुड़े सभी कागजातों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
इसी मुद्दे पर मंगलवार को आयोग ने बैठक की गई थी। इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा सुशील चंद्र और अशोक लवासा भी शामिल हुए। लवासा ने असहमति जताते हुए आयोग की बैठकों में जाना बंद कर दिया था। जिसके बाद से आयोग के अंदरुनी मतभेद सभी के सामने आ गए थे।
इसी बीच चुनाव आयोग ने ईवीएम संबंधी शिकायतों के तत्काल निस्तारण के लिए एक नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) बनाया है जिसने मंगलवार से काम करना शुरु कर दिया है। आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार निर्वाचन सदन से संचालित कंट्रोल रूम चुनाव परिणाम आने तक 24 घंटे कार्यरत रहेगा। मतगणना के दौरान ईवीएम से संबंधित किसी भी शिकायत की सूचना कंट्रोल रूम के नंबर 011-2305212 पर दी जा सकती है।