2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में 18 सीटें जीतीं. इस उभार से उत्साहित बीजेपी नेता समय से पहले चुनाव की बातें कहने लगे हैं. क्या ममता बनर्जी सरकार की स्थिरता पर संकट है?
पश्चिम बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का जबर्दस्त उभार देखने को मिला है. कुल 42 में से 18 सीटें बीजेपी ने अपनी झोली में डाल लीं. जबकि 2014 के चुनाव में सिर्फ दो सीटें नसीब हुईं थी. इसके बाद राज्य की ममता बनर्जी सरकार की स्थिरता को लेकर अटकलें लगने लगीं हैं. दरअससल,चुनावी नतीजों से उत्साहित बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने भी ऐसे बयान देने शुरू कर दिए हैं, जिससे लगता है कि बीजेपी यहां अपनी सरकार बनाने की संभावनाओं की तलाश कर रही है.
बैरकपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर जीते अर्जुन सिंह ने यह कहकर राजनीतिक सरगर्मी पैदा कर दी कि हम 2021 का इंतजार नहीं करना चाहते. यह सरकार इस साल के अंत तक ही नहीं चल पाएगी.
इससे पूर्व लोकसभा चुनाव के दौरान अप्रैल में पीएम मोदी ने ममता बनर्जी के 40 विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की बात कही थी. पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय भी समय-समय पर ममता बनर्जी सरकार के दिन पूरे होने की बात कहते रहे हैं.
राज्य में समय पूर्व विधानसभा चुनाव की मांग उठाने वाले बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह इससे पहले टीएमसी से विधायक रहे हैं. इस लोकसभा चुनाव में वह टीएमसी के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी को हराकर जॉइंट किलर के तौर पर उभरे हैं. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद टीएमसी में विघटन शुरू हो गया है.तीन महीने में रिजल्ट दिखेगा.
उधर लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद टीएमसी खेमा असहज है. बीजेपी के जबर्दस्त उभार से पार्टी नेता सदमे में हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कैसे प्रतिक्रिया दें. नतीजों के बाद से ममता बनर्जी ने मीडिया से बात नहीं की है. स्थिति का आंकलन करने के लिए ममता बनर्जी ने शनिवार को एक अहम बैठक बुलाई है.
बीजेपी के संपर्क में कई TMC नेता
बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने भी आज तक से बाचतीत में नतीजों के बाद टीएमसी में उथल-पुथल मचने के संकेत दिए हैं. कहा है कि कई नेता पाला बदलने के लिए बीजेपी के संपर्क में हैं. उनका कहना है कि ममता बनर्जी की पार्टी 143 विधानसभा क्षेत्रों में हार चुकी है. हारने वाले टीएमसी नेता पाला बदलने के लिए तैयार हैं. पश्चिम बंगाल में बीजेपी के इलेक्शन कमेटी इंचार्ज मुकुल रॉय हालांकि 2021 से पहले विधानसभा चुनाव के सवाल पर कहते हैं कि इसका फैसला जनता करेगी.
क्या है सीटों का आंकड़ा
पश्चिम बंगाल में कुल 294 सदस्यीय विधानसभा में टीएमसी के पास 211 विधायक हैं. वहीं कांग्रेस के पास 44, सीपीएम के पास 14, एआईएफबी के पास दो, आरएसपी के पास तीन, सीपीआई के पास एक और बीजेपी के पास तीन विधायक हैं. सीटों के हिसाब से देखें तो राज्य में सरकार बनाने के लिए 148 विधायकों की जरूरत होती है. ऐसे में जोड़तोड़ के हिसाब से बीजेपी की सरकार बनने के आसार नहीं हैं. सीटों के हिसाब से आसार नहीं हैं लेकिन बीजेपी के नेता समय-समय पर जो बयान दे रहे हैं उसके कुछ और ही मायने निकलते हैं.
निष्कासित विधायक जाएंगे बीजेपी में?
तृणमूल कांग्रेस की अनुशासनात्मक कमेटी ने शुक्रवार को मौजूदा विधायक शुभ्रांशु रॉय को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. शुभ्रांशु बीजेपी नेता मुकुल रॉय के बेटे हैं. उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कार्रवाई की गई है. माना जा रहा है कि शुभ्रांशु जल्द बीजेपी में शामिल होंगे. पहले उनके पिता मुकुल रॉय पहले टीएमसी में रह चुके हैं. मगर ममता बनर्जी से मतभेद के बाद लोकसभा चुनाव से 18 महीने पहले नवंबर 2017 में वह बीजेपी से जुड़े थे.