अजय माकन, मीनाक्षी लेखी (फाइल फोटो): भारत राजनीती
संसद से लेकर मंत्रालय तक और संतरी से लेकर मंत्री तक यहां के नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के मतदाता हैं। मौजूद सांसद मीनाक्षी लेखी के सामने कांग्रेस ने कद्दावर नेता अजय माकन को उतारा है। आप प्रत्याशी योग ट्रेनर ब्रजेश गोयल पहली बार मैदान में उतरे हैं। पिछले चुनाव में लेखी ने माकन को तीसरे स्थान पर धकेल दिया था। राजधानी की सबसे पुरानी इस सीट पर जीत उसकी होती है, जिसके साथ सरकारी कर्मचारी, वैश्य और दलित समुदाय जाते हैं, जो करीब 50 प्रतिशत हैं। इस बार यह तीनों समूह अलग जाते दिख रहे हैं। पिछली बार करीब 16% कर्मचारी वोटरों ने भाजपा को सपोर्ट किया था, इस बार ऐसा नहीं है। पेंशन विसंगितयों से उनमें भाजपा के लिए नाराजगी है। वहीं, मौके का फायदा उठाकर माकन स्थाई नौकरी, पेंशन विसंगतियां दूर करने, आवास समस्या खत्म करने और वेतन आयोग बनाने के वादे कर रहे हैं। लेखी पूरी तरह से राष्ट्रवाद और मोदी के जादू पर निर्भर हैं। वे 16.58 फीसदी वैश्य वोटरों के साथ ब्राह्मण, मध्यम वर्ग, गुर्जर, जाट, सिख (करीब 22%) मतदाताओं को साधने का प्रयास कर रही हैं।
जीएसटी से परेशान रहा व्यापारी व वैश्य वर्ग में भाजपा के राष्ट्रवाद और दलितों में आप के प्रभाव को महसूस किया जा रहा है। सरोजनी नगर मिनी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा कहते हैं कि नोटबंदी और जीएसटी से छोटे व्यापारियों की हालत खराब हो गई। विकास के नाम पर सीलिंग लागू की और दुकानें हटा दीं। वहीं लोदी रोड शहीद भगत सिंह कॉलोनी के रहने वाले अनिल वर्मा कहते हैं कि जनता की सुनवाई किसी ने नहीं की। सफाई कर्मचारी सुबोध भक्त के अनुसार सभी पार्टियों ने खूब वादे किए, लेकिन ठोस काम नहीं हुआ।